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Dhan Kharidi: धान खरीदी पर हड़ताल का ग्रहण.. कहीं तोड़ना पड़ा ताला तो कहीं हंगामा

Dhan Kharidi: सहकारी समितियों के प्रबंधक और ऑपरेटरों के हड़ताल के बीच छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की शुरुआत हो गई। पहले दिन भारी अव्यवस्थों का सामना करना पड़ा

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धान खरीदी पर हड़ताल का ग्रहण ( Photo - Patrika )

Dhan Kharidi: भारी अव्यवस्था और बदइंतजामी के बीच धमतरी जिले में धान खरीदी शुरू हुई। सहकारी समितियों के प्रबंधक और ऑपरेटरों के हड़ताल पर रहने से जिला प्रशासन द्वारा आरईओ और पटवारियों को अस्थाई प्रबंधकों की जिम्मेदारी दी गई थी। ये अधिकारी ही धान खरीदी केन्द्र नहीं पहुंचे। ( CG News ) अधिकांश स्थानों पर किसान गेट के बाहर अधिकारियों का इंतजार करते मिले। प्रशासन, उप पंजीयक सहकारिता, जिला विपणन कार्यालय की तैयारी धरी की धरी रह गई। जिन किसानों का खरीदी केन्द्रों में स्वागत होना था उन्हें ही मजदूर के रूप में ताला तोडऩे से लेकर तराजू-बाट उठाना पड़ा।

Dhan kharidi: कांग्रेस का धरना प्रदर्शन

शंकरदाह सोसायटी में तो किसान और युवक कांग्रेस को धरना प्रदर्शन करना पड़ गया। जिन केन्द्रों में खरीदी हुई, वहां धान खरीदी की जानकारी सिस्टम से अधिकारियों तक भेजी नहीं जा सकी। कप्यूटर सिस्टम में आईडी-पासवर्ड हड़ताली कर्मचारियों के थे, जिसके कारण पोर्टल लॉगिन नहीं हो पाया। कुछ केन्द्रों में जनप्रतिनिधियों ने धान की पूजा-अर्चना कर खरीदी शुरू कराई। पत्रिका की टीम 20 से अधिक केन्द्रों में पहुंची। बदइंतजामी से किसान दिनभर परेशान रहे। ग्राउंड रिपोर्ट में जानिए जमीनी हकीकत…

किसान-कांग्रेसी धरने पर बैठे

शंकरदाह धान खरीदी केन्द्र में किसान सुबह 7 बजे से धान लेकर पहुंच गए थे, लेकिन यहां कोई जिमेदार अधिकारी-कर्मचारी नहीं पहुंचे थे। अव्यवस्था को लेकर किसान नाराज हुए। अधिकारियों तक बात पहुंची तो कुछ अधिकारी दोपहर 12 बजे केन्द्र पहुंचे। अधिकारी सिर्फ तराजू-बाट की पूजा कर रहे थे। किसानों के धान की पूजा नहीं हुई। ऐसे में किसान आक्रोशित हो गए। इसी बीच युवा कांग्रेस के लोग भी केन्द्र पहुंच गए और अव्यवस्था पर आक्रोश व्यक्त करते हुए केन्द्र में ही धरने पर बैठ गए।

कहीं - कहीं लंबी लाइन

कुछ ही देर मेें अतिरिक्त तहसीलदार याति कंवर, नोडल अधिकारी बलरामपुरी गोस्वामी, केन्द्रीय बैंक मैनेजर किशनचंद यदु पहुंचे और किसानों को समझाईश दी। फिर दोपहर 1.30 बजे यहां खरीदी शुरू हुई। युवा कांग्रेस के प्रमुख गौतम वाधवानी, राकेश मौर्य, हितेश गंगवीर ने कहा कि शंकरदाह में धान खरीदने वाले ही नहीं पहुंचे थे। किसानों की लंबी लाइन लग गई थी। अव्यवस्था से किसान परेशान थे। यहीं हाल जिले के अन्य केन्द्रों का भी रहा। दोपहर 12 बजे तक खरीदी नहीं हो पाना सरकार व प्रशासन की नाकामी को दर्शाता है। किसान मायूस होकर केन्द्रों से लौट गए। इस साल स्थिति बदतर है। व्यवस्था नहीं सुधरी तो प्रदर्शन करेंगे।

किसान से तुड़वाए ताले, मजदूर की तरह तराजू लेकर भी पहुंचा

माकरदोना सोसायटी में दोपहर 12.20 बजे तक गेट और प्रबंधक कक्ष में ताला लटका रहा। किसान कई बार केन्द्र पहुंचे और ताला देखकर लौट गए। दोपहर 12.25 बजे तहसीलदार चुमन ध्रुव, पटवारी लक्ष्मी धनकेशर, सरपंच सहदेव मरकाम केन्द्र, नोडल अधिकारी नवीन गंजीर बाहर खड़े थे। पूछने पर बताए कि चौकीदार चाबी लेकर कहीं चला गया है। धान बेचने के लिए पहले दिन यहां तीन किसानों का टोकन कटा था। किसान केन्द्र पहुंच गए थे और धान बिकेगा या नहीं, इसे लेकर परेशान थे।

दोपहर 12.35 बजे ताला तोडऩे के लिए पंचनामा बनाया गया। इसके बाद ताला तोड़वाकर बिगड़े तराजू में एक बोरी धान रखकर पूजा की गई और औपचारिकता निभाई गई। यहां पहले किसान थानसिंह यादव सियादेही निवासी का धान खरीदना था। केन्द्र का तीन चक्कर लगा लिया था। तहसीलदार पहुंचे तो धान लेकर आने कहा गया। केन्द्र के दोनों ताले किसान से ही तुड़वाए। मजदूर की तरह इलेक्ट्रिक तौल भी केन्द्र तक लाया। आनन-फानन में थानसिंह से एक बोरी धान मंगवाकर पूजा कराकर औपचारिकता निभाई गई। लोकेश्वर साहू ने कहा कि शनिवार के लिए उसका टोकन कटा था। अव्यवस्था के कारण खरीदी नहीं हुई। मौके पर उपस्थित तहसीलदार चुमन ध्रुव, सहकारी बैंक मैनेजर किशनचंद यदु ने चौकीदार की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।

सिर्फ 846 क्विंटल धान की खरीदी हुई

धान खरीदी के लिए जिले में कुल 100 केन्द्र बनाए गए हैं। पहले दिन धान बेचने के लिए 315 किसानों का टोकन कटा था। इनसे 17,678 क्विंटल धान की खरीदी करनी थी। अव्यवस्था के चलते पहले दिन 100 में से सिर्फ 9 केन्द्रों में ही खरीदी हो पाई। सिर्फ 27 किसान धान बेच पाए। इनसे 846 क्विं धान खरीदा गया। लिंकिंग के माध्यम से किसानों से साढ़े तीन लाख की वसूली हुई है। पुराने आईडी लॉगिन नहीं होने से सभी केन्द्रों में नया आईडी पासवर्ड बनाया गया। 91 केन्द्र में खरीदी ही नहीं हुई है।