Janmashtami Vrat 2025: जन्माष्टमी का दिन लोगों में एक लगाव और उत्साह देखने को मिलता है। साथ ही यह व्रत हिंदी धर्म में बेहद ही महत्वपूर्ण है। ऐसा माना जाता है कि 100 एकादशी के व्रत के बराबर माना जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा होती और जन्मदिन मनाया जाता है। मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है और घरों में भी झांकियां सजाई जाती हैं। जन्माष्टमी के दिन लोग नियम से व्रत भी रखते हैं । ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल आता है कि व्रत करने के नियम तो मालूम हैं, लेकिन क्या व्रत तोड़ने के भी कुछ नियम होते हैं? अगर हैं तो क्या खाकर व्रत तोड़ा जाता है और क्या नहीं? यहां इससे जुड़ी जानकारी आपको बताई गई है, जिससे आप अपना व्रत सच्ची आस्था के साथ खोल सकें।
जन्माष्टमी की पूजा करने के समय एक विशेष पारंपरिक नियम का पालन किया जाता है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, खीरे के साथ भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रतीकात्मक आयोजन किया जाता है और नियम से विधिपूर्वक उनकी पूजा की जाती है। साथ ही उनके 108 नामों का स्मरण यानी जाप किया जाता है। जब पूजा संपन्न हो जाती है, तो पहले भगवान को उनकी प्रिय भोग सामग्री अर्पित की जाती है और फिर उसी प्रसाद को ग्रहण करके व्रत खोला जाता है। यह एक धार्मिक नियम माना जाता है जिससे व्रत का समापन पवित्र तरीके से होता है।
भगवान श्रीकृष्ण को चढ़ाए गए भोग से व्रत तोड़ने के बाद आप सामान्य फलाहार या अन्य व्रत अनुकूल चीजें खा सकते हैं, लेकिन कुछ सावधानियों को भी ध्यान में जरूर रखें।
सबसे पहले तो यह सुनिश्चित करें कि आप तामसिक भोजन जैसे मांस, मछली, अंडा, प्याज और लहसुन से पूरी तरह परहेज करें। यहां तक कि लहसुन-प्याज से बनी चीजें भी नहीं खानी चाहिए। बेहतर होता है कि व्रत खोलते समय आप इन चीजों से दूर रहें और फल, दूध या साबूदाना जैसी सात्विक चीजों को ही चुनें। इससे न केवल आपकी श्रद्धा बनी रहती है बल्कि शरीर भी हल्का और ऊर्जा से भरपूर महसूस करता।
Updated on:
16 Aug 2025 11:20 am
Published on:
16 Aug 2025 11:19 am