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Kartik Maas 2025 : कार्तिक महीने में दीपदान क्यों है खास? ज्योतिष से जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त

Kartik Maas 2025 : कार्तिक मास 2025 का आरंभ 8 अक्टूबर से और समापन 5 नवंबर को होगा। इस पवित्र महीने में दीपदान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। जानें दीपदान की सही विधि, पूजा का महत्व और दान के नियम।

2 min read

भारत

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Dimple Yadav

Oct 08, 2025

Kartik Maas 2025

Kartik Maas 2025 (photo- gemini ai)

Kartik Maas 2025 : हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक मास वर्ष का आठवां महीना है, जो इस बार 8 अक्टूबर से शुरू होकर 5 नवंबर 2025 तक रहेगा। यह महीना न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि स्वास्थ्य और जीवनशैली के दृष्टिकोण से भी बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। पुराणों में कहा गया है कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, धनवंतरि, सूर्य देव, गोवर्धन पर्वत और कार्तिकेय स्वामी की पूजा से व्यक्ति को राजसी सुख-वैभव की प्राप्ति होती है।

इस महीने में धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज, छठ पूजा और देवउठनी एकादशी जैसे प्रमुख पर्व आते हैं। ज्योतिषाचार्या एवं टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा के अनुसार, कार्तिक मास शरद ऋतु का प्रारंभिक समय होता है। यह दो मौसमों के बीच का संक्रमण काल है, इसलिए इस समय शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर पड़ सकती है। इसी कारण ग्रंथों में कहा गया है कि इस महीने अपने खाने-पीने, सोने-जागने और स्नान के नियमों को विशेष रूप से ध्यान में रखना चाहिए।

दीपदान का महत्व

कार्तिक मास में दीपदान को सबसे पुण्यदायक कार्य माना गया है। इस महीने मंदिरों, नदियों, तालाबों, कुओं, बावड़ियों, आंवले और तुलसी के पौधों के पास दीपक जलाने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। कहा जाता है कि दीपदान से व्यक्ति के जीवन के अंधकार दूर होते हैं और सुख-समृद्धि का प्रकाश फैलता है।

दीपदान करने की सही विधि

सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करना इस महीने का प्रमुख नियम है। अगर पवित्र नदियों में स्नान संभव न हो तो घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करें। स्नान के बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का स्मरण करें तथा तुलसी के सामने घी या तिल के तेल का दीपक जलाएं। इससे व्यक्ति के घर में धन, सौभाग्य और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। मंदिर में दीपक जलाने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं, वहीं घर के आंगन या मुख्य द्वार पर दीपक जलाने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है। तुलसी के पौधे और मुख्य द्वार पर शाम के समय दीपक अवश्य जलाना चाहिए।

कार्तिक मास में क्या दान करें

इस पवित्र महीने में अन्न, सतनजा (सात प्रकार के अनाज), वस्त्र, सुहाग सामग्री, दीपक और तेल का दान करने से व्यक्ति के सारे कष्ट दूर होते हैं और घर में समृद्धि आती है। माना जाता है कि कार्तिक मास में किया गया दान कभी व्यर्थ नहीं जाता और व्यक्ति को अगले जन्मों में भी शुभ फल देता है। इस तरह, कार्तिक मास केवल पूजा-पाठ का महीना नहीं, बल्कि शुद्धता, अनुशासन और आत्मिक उत्थान का प्रतीक है। इस माह के नियमों और परंपराओं को अपनाने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन अवश्य आता है।