- मचकुंड पर देवछट मेला29 को, अभी तैयारी के नाम पर कुछ नहीं
- प्रधानमंत्री स्वदेश दर्शन योजना में सौन्दर्यीकरण पर खर्च हुए थे करोड़ों रुपए
धौलपुर. उत्तर भारत के प्रमुख मेलों में शुमार देवछठ का मेला नजदीक है। लेकिन मचकुण्ड रोड की हालत खराब बनी हुई है। सडक़ खस्ताहाल हे तो मचकुण्ड सरोवर पर भी व्यवस्थाएं अस्तव्यस्त हैं। हाल ये है कि सफाई के लिए मात्र एक कर्मचारी लगा है जबकि मचकुण्ड का विशाल परिसर है और सफाई भी नहीं हो पा रही है। देर शाम होते ही यहां पर अंधेरा पसर जाता है, जिससे शाम के समय लोग यहां आने से अब बचते हैं। जबकि किसी समय यहां पर देर शाम तक लोगों को जमावाडा रहता था और लाइड एण्ंड साउंड शो और रंगीन फव्वारे का आनंद उठाते थे। लेकिन अब यह बीती बात हो चुकी है। मचकुण्ड सरोवर पर अलग-अलग एजेंसियों पर कार्य है और सभी एक-दूसरे पर जिम्मा टाल देती है। असर धार्मिक पर्यटन स्थल पर पड़ रहा है। जबकि यह तीर्थों के भांजे के रूप में प्रसिद्ध है। विशेषकर मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश और पूर्वी राजस्थान में खासा विख्यात है।
बता दें कि मचकुंड परिसर में प्रधानमत्री स्वदेश दर्शन योजना के तहत करोड़ों के रुपए के कार्य हुए थे। पुरातत्व विभाग की ओर से कार्य कराने के बाद संचालन के लिए नगर परिषद के सुपुर्द कर दिया। लेकिन देखभाल के अभाव में यह बंद पड़े हैं। वहीं, पर्यटन विभाग के अधिकारी भरतपुर से केवल बैठकों में शामिल होकर लौट जाते हैं।
28 को ऋषि पंचमी और 29 को बलदेव छठ
मचकुण्ड पर हर साल देव बलदेव (देवछठ) पर मेला भरता है। मचकुण्ड सरोवर में लाखों की संख्या में डुबकी लगाते हैं और पूजा अर्चना करते हैं। जिन घरों में शादियों हुई है, वे परिजन यहां पवित्र सरोवर में मोहरी सराने आते हैं। लाडली जगमोहन मंदिर महंत कृष्णदास ने बताया कि 28 अगस्त को ऋषि पंचमी और दूसरे दिन 29 अगस्त बलदेव है, जिस दिन मेला भरेगा। बलदेव छठ भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलदेव का जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। देवछठ मेला के साथ ही यहां मचकुड रोड पर बाबा अब्दाल शाह (पहाड़ वाले बाबा) की मजार पर भी कार्यक्रम आयोजित होते हैं। यहां प मुशायरा, कब्बाली कार्यक्रम होते हैं, जिसमें सैकड़ों की संख्या में भीड़ उमड़ती है।
मार्ग में पुलिया अधूरी, सडक़ पर जगह-जगह गड्ढे
बरसाती पानी की निकासी के लिए नगर परिषद की ओर से छितरिया ताल के ओवरफ्लो पानी को निकालने के लिए कच्ची नहर बनाई गई थी। नहर को पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास रोड को क्रॉस कराने के लिए गत दिनों खोदा था। जिस पर पक्की पुलिया बनाने का भी कार्य चल रहा था। लेकिन बीते दिनों बारिश के चलते कार्य नहीं हो पाया है। पुलिया निर्माण नहीं होने से देवछठ मेला के दौरान श्रद्धालुओं को निकलने में खासी असुविधा भी हो सकती है। नाला खुला है जिससे हादसे की आशंका भी बनी हुई है।
रंगीन फव्वारे पड़े बंद, कुंड की भी सफाई नहीं
उधर, मचकुण्ड सरोवर में सौन्दर्यीकरण के तहत रगीन फव्वारे लगाए गए थे। शुरुआत में यह खूब चले और स्थानीय लोगों के साथ पर्यटक भी खूब निहारने आते थे। लेकिन करीब डेढ़ साल से फव्वारे बंद पड़े हुए हैं। जबकि यह छोटा सा काम है लेकिन जिम्मेदारों का कोई ध्यान हीं है। जो पर्यटक यहां फोटो खिंचवाने आते थे, वह अब निराश होकर लौट जाते हैं। इसी तरह सरोवर पर काफी समय से लाइट बंद पड़ी है, जिससे शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। लाइट एंड साउंट जो पहले ही बंद पड़ा है। जबकि इन पर करोड़ों रुपए खर्च हुए थे।
- मचकुण्ड रोड पर अधूरे पड़े नाले को दो-तीन दिन में पूर्ण करा दिया जाएगा। बारिश के चलते कार्य रोक दिया गया था। सडक़ पर जो गड्ढे हैं, उनकी भी मरम्मत कराई जाएगी। मचकुण्ड परिसर में बंद लाइटों को दुरुस्त किया जाएगा।
- अशोक शर्मा, आयुक्त नगर परिषद धौलपुर
Published on:
08 Aug 2025 07:00 pm