- पुलिस टीमें अब स्कूल, कॉलेज समेत अन्य शिक्षण संस्थानों में कर रहीं जागरुक
- भरतपुर रेंज में बीते साल करीब 310 दर्ज हुई थी एफआइआर और 11 सौ अपराधी पकड़े गए
धौलपुर. साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को लेकर पुलिस प्रशासन ने अब स्कूल, कॉलेज समेत अन्य शिक्षण संस्थानों में विद्यार्थियों को जागरुकता को लेकर जानकारी दी जा रही है। भरतपुर संभाग में पहले साइबर अपराध की ज्यादातर घटनाएं भरतपुर जिले में आती थी। लेकिन अब कब किसके साथ साइबर ठगी हो जाए पता नहीं। बीते साल भरतपुर रेंज में एंटी वायरस ऑपरेशन के अंतर्गत करीब 310 से अधिक साइबर अपराध की एफआइआर दर्ज हुई थी और करीब 11 सौ अपराधियों की धरपकड़ हुई थी।
पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान के निर्देशन में विभिन्न विद्यालयों में इलाके की थाना पुलिस टीम ने शिक्षण संस्थानों में जाकर साइबर अपराध को लेकर जानकारी दी। बताया कि साइबर ठगी से किस तरह बचा जा सकता है। पुलिस की टीमों ने विधार्थियो को बताया कि इंटरनेट के उपयोग की सही जानकारी होने पर साइबर अपराध से बचा जा सकता है। ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत पासवर्ड बनाए, इसके अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक न करें। क्योंकि कोई भी व्यक्ति आसानी से आपकी जानकारी का इस्तेमाल कर दुरुपयोग कर सकता है। बताया कि फर्जी लॉटरी लगने का कॉल करने वालों को कभी अपनी बैंक की डिटेल शेयर न करें। डिजिटल अरेस्ट से बचाव के लिए बताया गया कि किसी भी अनजान कॉल, मैसेज पर प्रतिक्रिया न दें। टावर लगाने के नाम पर भी लोगों से ठगी की जाती है। इससे बचने हेतु किसी अज्ञात बैंक खाता में पैसा जमा न करें। छात्र और छात्राओं को सोशल मीडिया पर एकाउंट को सुरक्षित रखना बताया।
रेंज में साइबर अपराध डीग जिला गढ़
भरतपुर रेंज में साइबर अपराध का नवीन बना जिला डीग गढ़ है। बीते साल सर्वाधिक घटनाएं इस जिले में सामने आई। डीग जिले में 250 से अधिक एफआइआर और करीब 950 अपराधी पकड़े गए थे। धौलपुर जिले में बीते साल नवम्बर तक 6 एफआइआर और 25 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था। डीग जिला हरियाणा के नूंह मेवात और राजस्थान के अलवर जिले से सटा है। एनसीआर क्षेत्र का मेवात साइबर अपराध की वारदात के लिए कुख्यात है। देश में साइबर अपराध से सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र और उत्तरप्रदेश रहे हैं।
साइबर ठगी तेजी से बढ़ी
जैसे जैसे इंटरनेट फैला उसी रफ्तार से साइबर अपराधों में तेजी आई है। बीते साल 2024 में विश्व में 498 लाख करोड़ से ज्यादा की साइबर ठगी हुई। यह प्रति सेकेंड 1.63 करोड़ रुपए की लोगों को चपत लगी। जानकारी के अनुसार देश में साल 2023 में 9.2 लाख से अधिक लोगों से साइबर अपराध की शिकायतें मिली। इनमें करीब 6 हजार करोड़ का लोगों को झटका लगा। गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार देश में साइबर ठगी बीते छह साल में करीब 42 फीसदी बढ़ गई और आने वाले समय में यह और चुनौती पूर्ण साबित होने जा रही है। इसी का नतीजा है कि अब कई देशों की सरकारें साइबर सुरक्षा पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।
इनसे बचने की दी सलाह
पुलिस टीमों ने छात्र-छात्राओं को फर्जी लॉन एप, वर्तमान मे प्रचलित साइबर अपराध, जॉब फ्रॉड, सोशल मीडिया ठगी, सेक्सटॉर्शन, क्यूआर बेस्ड पेमेंट फ्रॉड, फर्जी सरकारी साईट, एंटी वायरस और मालवेयर सॉफ्टवेयर जैसे संवेदनशील अपराधों के बारे में भी जानकारी साझा करते हुए उससे बचने की सलाह दी।
Published on:
07 Aug 2025 07:42 pm