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सडक़ निर्माण का कार्य कराए बिना ही आहरित कर लिए गए पांच लाख रुपए

ऑनलाइन पोर्टल पर दिख रहा कार्य प्रगति पर, अधिकारियों की भूमिका पर भी सवालबजाग. जनपद पंचायत बजाग अंतर्गत निर्माण कार्य के नाम पर शासकीय राशि बंदरबाट करने मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसी कई ग्राम पंचायते है जहां नियम कायदों को ताक में रखकर विभिन्न मदो से स्वीकृत निर्माण कार्यों की राशि का आहरण […]

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ऑनलाइन पोर्टल पर दिख रहा कार्य प्रगति पर, अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल
बजाग. जनपद पंचायत बजाग अंतर्गत निर्माण कार्य के नाम पर शासकीय राशि बंदरबाट करने मामले लगातार सामने आ रहे हैं। ऐसी कई ग्राम पंचायते है जहां नियम कायदों को ताक में रखकर विभिन्न मदो से स्वीकृत निर्माण कार्यों की राशि का आहरण मनमाने तरीके से किया जा रहा है। निर्माण एजेंसियां भी निर्माण कार्यों में जमकर धांधली कर रही है और जिम्मेदार अधिकारी सब कुछ जानते हुए मौन धारण किए हुए हैं। कई मामलों में शिकायतों के बावजूद कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर दी जाती है और नियम कायदों की धज्जियां उड़ाने वाले जिम्मेदार अपने कार्य को बिना भय के निरंतर अंजाम दे रहे है। ऐसा ही मामला ग्राम पंचायत पिपरिया का प्रकाश में आया है। बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत में बिना कार्य कराए ही कंक्रीट सडक़ के नाम पर पांच लाख रुपए आहरित कर लिए गए हैं और मौके से निर्माण कार्य गायब है। सरपंच सचिव ने निर्माण कार्य की राशि एडवांस में निकालने के लिए कागजी कार्रवाई पूर्ण कर मटेरियल सप्लायर के खाते में वाकायदा पांच लाख रुपए जारी कर दिए। साथ ही जिस स्थान पर सडक़ बनना है वहा पर पोर्टल पर ऑनलाइन कार्य प्रगति पर दिखाया जा रहा है। इस पूरे मामले में उपयंत्री की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत पिपरिया के ग्राम जल्दा में पांचवे राज्य वित्त आयोग योजना से पंचायत राज संचनालय द्वारा सीसी सडक़ निर्माण के लिए जनवरी 2025 में पांच लाख रुपए की राशि स्वीकृत की थी। योजना में सेंध लगाते हुए ग्राम पंचायत के सरपंच सचिव ने बिना कार्य कराए ही अपनी चहेती फर्म के मटेरियल सप्लायर को 24 अप्रैल को बिना जीएसटी वाले दो फर्जी बिल लगाकर क्रमश: दो लाख चौबीस हजार पांच सौ रुपए व दो लाख पचहत्तर हजार की राशि जारी कर दी। मौके पर जहां कार्य प्रगति पर दिखाया जा रहा है वहां कार्य की स्थिति शून्य है, जबकि इस राशि से वनग्राम जलदा के नीचे टोला में मुख्यमार्ग से दुखीराम के घर तक लगभग सौ मीटर कंक्रीट मार्ग का निर्माण किया जाना था। आज भी यह भी यह मार्ग ऊबड़ खाबड़ और पथरीला है, जहां पैदल चलना भी ग्रामीणों के लिए मुश्किल है। बताया जा रहा है कि जिस मोहल्ले में सडक़ निर्माण होना था वहां सडक़ की नींव तक नही रखी गई है। टोला के ग्रामीणों ने बताया कि विगत कई महीने से सुनने में आ रहा है कि हमारे मोहल्ले में कंक्रीट रोड बननी है लेकिन अभी तक नहीं बनी है। कच्ची सडक़ के मुहाने पर एक दो दिन पहले एक ट्राली गिट्टी गिराई गई है, पता भी नहीं कि कब सडक़ बनेगी। जानकारी के अनुसार कुछ दिनों पूर्व पिपरिया सरपंच के विरुद्ध ग्राम पंचायत के पंचों ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी की है, जिसके बाद से सरपंच और सचिव मटेरियल सप्लायर की साठगांठ से राशि आहरण को अंजाम दिया है।