Dungarpur Crime : डूंगरपुर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो उदयपुर की टीम ने सोमवार को जिला कलक्ट्रेट परिसर में स्थित कोष कार्यालय के पेंशन विभाग में प्लेसमेट एजेंसी के तहत कार्यरत कम्प्यूटर ऑपरेटर को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आरोपी ने विधवा की पेंशन शुरू कराने की एवज में राशि की मांग की थी।
एसीबी अतिरिक्त महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि परिवादी ने ब्यूरो चौकी उदयपुर पर उपस्थित होकर बताया था कि वह वन विभाग उदयपुर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में कार्य करता है। उसके पिता वन विभाग में कैटल गार्ड के पद पर नियुक्त थे। 2017 में पिता की मृत्यु हो गई। इसके बाद उसे वन विभाग उदयपुर में अनुकम्पा नियुक्ति मिली थी। पिता की 2017 से लगातार पेंशन आ रही थी व दो लाख 59 हजार रुपए एरियर बना था।
इसके बिल पास करवाने के लिए अप्रेल माह से परिवादी व उसकी मां डूंगरपुर पेंशन कार्यालय के चक्कर काट रहे है। यहां पर कम्प्यूटर ऑपरेटर गोविन्द घाटीया मिला और उसने पेंशन के एरियर का बिल पास करने की एवज में 90 हजार रुपए की मांगी की। लेकिन परिवादी ने रिश्वत देने से मना कर दिया।
इसके बाद परिवादी की मां के खाते में एरियर की राशि जमा भी हो गई। लेकिन, मई से खाते में पेंशन आना बंद हो गया। इसके बाद परिवादी व मां ने कप्यूटर ऑपरेटर से सपर्क किया और पेशन बंद होने कारण पूछा तो कम्प्यूटर ऑपरेटर ने पेंशन शुरू करने के लिए रिश्वत की मांग की। रिश्वत की राशि तीस- तीस हजार रुपए की किस्तों में देने के लिए कहा। इसके बाद ही पेंशन शुरू करने का तर्क दिया गया।
पेंशन शुरू कराने के लिए परिवादी ने मां का ऑनलाइन जीवित प्रमाण पत्र भी प्रस्तुत किया। इसके बाद भी ऑपरेटर ने पेंशन शुरू नहीं की। इसके बाद दोबारा कम्प्यूटर ऑपरेटर से मिला। उसने साफतौर पर कहा कि पहले ही रुपए दे दिए होते तो पेंशन ही बंद नहीं होती। यदि अब पेंशन शुरू करानी है तो तीस-तीस हजार रुपए देने पड़ेंगे।
लगातार दबाव से परेशान हो कर परिवादी ने एसीबी उदयपुर कार्यालय में शिकायत की। जिसके बाद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनन्त कुमार ने शिकायत का सत्यापन कराया, जिसमें शिकायत सही पाई गई। जिस पर उप महानिरीक्षक पुलिस प्रहलाद कृष्णिया, पुलिस निरीक्षक नरपत सिंह टीम के साथ सोमवार को डूंगरपुर पहुंचे। यहां परिवादी पेंशन भवन में रुपए लेकर गया और कम्प्यूटर ऑपरेटर नारेली बिछीवाड़ा निवासी गोविंद पुत्र मनसा घाटिया को रिश्वत के 20 हजार रुपए दिए।
रुपए देने के बाद एसीबी ने कार्रवाई करते हुए गोविंद को रंगे हाथों को गिरफ्तार किया। वहीं एसीबी की टीम ने आरोपी के मकान पर भी तलाशी शुरू की। कार्रवाई के दौरान एसीबी की टीम में कनिष्ठ सहायक लक्ष्मण सिंह सिसोदिया, हैडकांस्टेबल गुलाब सिंह, पुष्कर, सहायक उप निरीक्षक गजेंद्र गुर्जर, कांस्टेबल सुरेश, अशोक व प्रियंका शामिल थी।
Published on:
02 Sept 2025 02:33 pm