
डूंगरपुर. खेत में जलमग्न काटी हुई धान की फसल। फोटो पत्रिका
Rajasthan Rain Havoc :पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण डूंगरपुर जिले में हुई बेमौसम बारिश से किसानों की धान की 40 से 50 प्रतिशत से अधिक फसल खराब होने की संभावना है, जिससे उनकी मेहनत पानी में मिल गई है। डूंगरपुर जिले में स्थिति यह है कि खेत पूरी तरह पानी से भरे हुए हैं और तैयार फसलें पानी में डूबी पड़ी हैं। जिले में खरीफ की धान की फसल की बुवाई लगभग 16 हजार हैक्टेयर पर की जाती है। यदि तीन से चार दिन तक मानसून सक्रिय रहता है और 50 प्रतिशत फसल का खराबा होता है, तो जिले के किसानों को लगभग आठ करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो सकता है। यदि पूरी फसल खराब हो जाती है, तो यह आंकड़ा दोगुना हो जाएगा। एक हजार हैक्टेयर पर बुवाई के लिए किसानों को लगभग नौ हजार रुपए का खर्च आता है।
बारिश ने किसानों के लिए पशुओं के चारे का भी संकट खड़ा कर दिया है। बारिश के कारण पशुओं का चारा और मक्का का कड़प (सूखे डंठल) पूरी तरह से भीगकर खराब हो गया है। इस वजह से किसानों को अब महंगे दामों पर बाजार से चारे की व्यवस्था करनी पड़ेगी, जिससे उन पर अतिरिक्त आर्थिक भार पड़ेगा।
जिले में किसानों की खरीफ की फसलें जैसे मक्का, सोयाबीन, उड़द और धान बारिश से खराब हो चुकी हैं। अब किसान मौसम परिवर्तन के साथ ही रबी की फसल (गेहूं, सरसों आदि) की बुवाई की तैयारियों में जुट गए हैं। किसानों की सारी आशाएं अब रबी की फसल की बुवाई पर टिकी हुई हैं।
फसल खराब होने की स्थिति में जिन किसानों ने फसल बीमा करवाया है, वे ही मुआवज़ा राशि के पात्र होंगे। फसल खराब होने की सूचना कृषि रक्षक पोर्टल हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 14447 पर देनी होगी। सूचना मिलने पर अधिकारी मौके पर पहुंचकर सर्वे करेंगे और रिपोर्ट पेश करने के बाद मुआवज़े का भुगतान किया जाएगा। जिन किसानों ने बीमा नहीं करवाया है, उन्हें सरकारी सहायता के लिए गिरदावरी करवानी होगी।
जिले में बारिश होने से धान की फसल खराबा 40 से 50 प्रतिशत होने की संभावना है। अगर 72 घंटों के अंदर धूप खिल जाती है तो, खराबा होने की संभावना कम होगी ।
परेश पण्ड्या, संयुक्त निदेशक कृषि विस्तार डूंगरपुर
Published on:
29 Oct 2025 03:10 pm
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