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राजस्थान के शिक्षा विभाग का कब आएगा पदस्थापन आदेश?, प्राचार्य-उपप्राचार्य कर रहे बेसब्री से इंतजार

Rajasthan : राजस्थान में शिक्षा विभाग पदोन्नत प्राचार्यो और उपप्राचार्यो का पदस्थापन आदेश कब जारी करेगा?। पदोन्नत प्राचार्यो और उपप्राचार्यो बेसब्री से कर रहे हैं इंतजार।

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When will Rajasthan Education Department issue posting orders Principals and Vice-Principals are eagerly awaiting their appointments

फाइल फोटो पत्रिका

Rajasthan : राजस्थान में शिक्षा विभाग में पदोन्नत प्राचार्यो और उपप्राचार्यो का पदस्थापन का इंतजार लगातार बढ़ता जा रहा है। ये कार्मिक अपनी पदोन्नति के बाद यथावत कार्यग्रहण कर अब अगले आदेश का इंतजार कर रहे है जबकि इंतजार खत्म होने का नाम नही ले रहा। इनका पदस्थापन नहीं होने से विद्यालयों में शैक्षिक सहित विभिन्न व्यवस्थाएं गड़बड़ा रही है।

प्रदेश के विद्यालयों में एक से अधिक प्राचार्य तथा उपप्राचार्य हो गए है तो हजारों विद्यालयों में इनके पद रिक्त है। एक ओर अर्द्धवार्षिक परीक्षा की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है वही प्राचार्य पदोन्नति के बाद यथास्थान यथावत कार्यग्रहण करने से प्रदेश के कई उच्च माध्यमिक विद्यालयों में दो-दो प्राचार्य हो चुके है।

4801 उपप्राचार्यो को प्राचार्य पद पर किया गया था पदोन्नत

शिक्षा विभाग ने मई माह में प्राचार्य पद की सत्र 2024-25 की बकाया पदोन्नति की थी। जिसमें 4801 उपप्राचार्यो को प्राचार्य पद पर पदोन्नत किया गया था। इन पदोन्नत प्राचार्यो के काउंसलिंग कार्यक्रम भी जारी कर दिया गया था पर उसे स्थगित कर दिया गया। फिर दोबारा ये तिथि 25 अगस्त को जारी की गई पर प्राचार्यो के स्थानान्तरण होने से पहले फिर से काउंसलिंग स्थगित कर दी गई। पदोन्नत प्राचार्यो के पदस्थापन से पूर्व विभाग ने 4527 प्राचार्यो के 22 सितम्बर को स्थानान्तरण कर दिए। इस स्थानान्तरण सूची में कई ऐसे प्राचार्य थे जिन्हे अन्य जिलों में भेज दिया गया। इसका विरोध हुआ और स्थान संशोधन की चर्चाएं भी खूब चली।

उपप्राचार्य के 7 हजार से अधिक पद रिक्त

प्राचार्यो की तरह उपप्राचार्यो की काउंसलिंग नही होने से उपप्राचार्य भी पिछले ड़ेढ माह से अपने पदस्थापन का इंतजार कर रहे है। विद्यालयों में अजीब स्थिति बनी हुई है। एक ही विद्यालय में दो से पांच उपप्राचार्य यथावत कार्यग्रहण से नियुक्त है। प्रदेश में 7 हजार 444 उपप्राचार्यो के पद रिक्त है। प्राचार्य और उपप्राचार्य के पद स्थापन नहीं होने से विद्यालयों में शैक्षिक सहित अन्य व्यवस्थाएं प्रभावित हो रही है।

उल्लेखनीय है कि पदोन्नति से बने प्राचार्य तथा उपप्राचार्य अपने नए पद के अनुरूप वेतन-भत्ते ले रहे है लेकिन पद अनुरूप पदस्थापन नहीं मिलने से इनका सही उपयोग नहीं हो पा रहा है। जो उपप्राचार्य दीपावली से पूर्व प्राध्यापक थे और विद्यार्थियों को पढ़ा रहे थे मगर अब अपने पद अनुरूप ही कार्य कर रहे है।

उपप्राचार्य भी कर रहे इंतजार

डीपीसी वर्ष 2023-24 के 8139 तथा 2024-25 के 3699 सहित प्रदेश में प्राध्यापक से पदोन्नत हुए 11 हजार 838 उपप्राचार्य भी अपने पदस्थापन का डेढ़ माह से इंतजार कर रहे है। इनकी पदोन्नति आदेश 29 सितम्बर 2025 माह में हुई थी।

शिक्षा विभाग से 01 नवम्बर 2025 को जारी आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 6 हजार 307 पद रिक्त चल रहे है, जो उपप्राचार्य पदोन्नति पाकर प्राचार्य बने है वे भी अपने मौजूदा विद्यालय में यथावत ऑफलाइन कार्यग्रहण किए हुए है। इससे विद्यालयों में अजीब स्थिति बन चूकी है। जहां एक ओर कई विद्यालयों में मुखिया के पद रिक्त है वही कई विद्यालयों में दो-दो प्राचार्य नियुक्त है।