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दुनिया के इन दो टॉप यूनिवर्सिटी से पढ़े थे भारत के पहले पीएम Jawaharlal Nehru, इस विषय में थी उनकी खास रुचि

14 नवंबर को भारत में बाल दिवस मनाया जाता है। 14 नवंबर 1889 को ही देश के पहले पीएम जवाहरलाल नेहरू का जन्म हुआ था। 1964 में उनके निधन के बाद इस दिन को बाल दिवस के तौर पर मनाने की परंपरा शुरू हुई।

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भारत

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Anurag Animesh

Nov 13, 2025

Jawaharlal Nehru

Jawaharlal Nehru

Jawaharlal Nehru: हर साल 14 नवंबर को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू(Jawaharlal Nehru) को समर्पित है, जिन्हें बच्चों से बेहद स्नेह था। पंडित नेहरू का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज, उत्तर प्रदेश) में हुआ था। उनका परिवार शिक्षित और संपन्न था। उनके पिता मोतीलाल नेहरू एक प्रसिद्ध वकील और समाज में प्रतिष्ठित व्यक्ति थे। वहीं, उनकी माता स्वरूपरानी नेहरू भी संस्कारी और शिक्षित थीं।

Jawaharlal Nehru: उनके निधन के बाद शुरू हुई बाल दिवस की परंपरा


साल 1964 में उनके निधन के बाद इस दिन को बाल दिवस के तौर पर मनाने की परंपरा शुरू हुई। पंडित जवाहरलाल नेहरू न केवल एक कुशल राजनेता थे, बल्कि एक गहरे विचारक और विद्वान भी थे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पंडित नेहरू ने कहां से पढ़ाई की है या किस यूनिवर्सिटी से उन्होंने डिग्री हासिल की है?

इन यूनिवर्सिटी से पढ़ें हैं Jawaharlal Nehru


नेहरू जी की प्राथमिक शिक्षा घर पर ही हुई। बचपन में उन्हें अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं की शिक्षा दी गई। उनके निजी शिक्षकों ने विज्ञान, इतिहास और साहित्य जैसे विषयों में उनकी गहरी रुचि को पहचाना और उसे बढ़ावा दिया। उन्हें इतिहास, दर्शनशास्त्र और विज्ञान से विशेष लगाव था। उच्च शिक्षा के लिए नेहरू को इंग्लैंड भेजा गया। उन्होंने हैरो और ईटन जैसे प्रतिष्ठित स्कूलों में पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय(Cambridge University) से ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की। उसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से एम.ए. किया और इनर टेम्पल, लंदन से वकालत की पढ़ाई पूरी कर बैरिस्टर बने।

Jawaharlal Nehru: वकालत छोड़ राष्ट्रसेवा चुना


विदेश में पढ़ाई के दौरान भी उनका मन हमेशा भारत की आजादी के विचारों में रमा रहा। भारत लौटने के बाद उन्होंने वकालत छोड़ दी और राष्ट्रसेवा का मार्ग चुना। धीरे-धीरे वे महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ गए और स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। नेहरू जी का जीवन आज भी बच्चों और युवाओं के लिए प्रेरणा है। बच्चों के लिए उन्होंने कहा था 'बच्चे आज के नहीं, बल्कि आने वाले कल के निर्माता हैं।'