
Sanjay Yadav and Rameez (Image: Patrika.com)
Sanjay Yadav and Rameez: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मिली भारी हार के बाद लालू यादव के परिवार में चल रही अंदरूनी खींचतान खुलकर सामने आ गई है। चुनाव परिणामों के अगले ही दिन लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर राजनीति छोड़ने और परिवार से दूरी बनाने का ऐलान कर दिया। अपने पोस्ट में उन्होंने दो नाम संजय यादव और रमीज का उल्लेख करते हुए लिखा उन्हीं के कहने पर उन्होंने यह निर्णय लिया है। ऐसे में तमाम लोग यह जानना चाह रहे हैं कि आखिरकार संजय यादव और रमीज कौन हैं, कितने पढ़े-लिखे हैं, तो चलिए जानते हैं।
तेजस्वी यादव की कोर टीम में सबसे प्रभावशाली चेहरों में शुमार संजय यादव मूल रूप से हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के निवासी हैं। उनकी पहचान एक ऐसे रणनीतिकार के रूप में बनी है जो राजनीतिक रणनीति को तकनीक और आधुनिक प्रबंधन पद्धतियों के साथ जोड़ने में माहिर माने जाते हैं।
कंप्यूटर साइंस में उच्च शिक्षा हासिल करने के बाद उन्होंने प्रबंधन की पढ़ाई की, जिसने अभियान नियोजन और डेटा-आधारित विश्लेषण में उनकी दक्षता को और बढ़ाया। लंबे समय से तेजस्वी यादव की राजनीतिक यात्रा में संजय की सक्रिय भूमिका रही है, और इसी कारण परिवार के भीतर उनके प्रभाव को लेकर कई बार असंतोष भी सामने आता रहा है।
रोहिणी आचार्य के पोस्ट में सामने आया दूसरा नाम रमीज नेमत खान का है, जो तेजस्वी यादव की टीम का युवा और सक्रिय हिस्सा हैं। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर से आने वाले रमीज की शिक्षा राजनीति और प्रबंधन दोनों से जुड़ी है। उन्होंने दिल्ली में स्कूली पढ़ाई के बाद पॉलिटिकल साइंस में स्नातक किया और जामिया मिलिया इस्लामिया से एमबीए की डिग्री प्राप्त की है। पढ़ाई के साथ-साथ वे फर्स्ट-क्लास क्रिकेट भी खेलते रहे हैं। तेजस्वी यादव के साथ उनका संबंध कई वर्षों पुराना माना जाता है और वे चुनाव प्रचार, रूटीन मैनेजमेंट और संगठनात्मक कार्यों में उनकी मदद करते हैं।
चुनावी नतीजों के बाद पार्टी के अंदर सलाहकारों की भूमिका पर सवाल उठना नया नहीं है। रोहिणी आचार्य ने जिन दो नामों का जिक्र किया, वे दोनों तेजस्वी की टीम के महत्वपूर्ण सदस्य हैं और चुनावी रणनीति से लेकर दैनिक गतिविधियों तक में उनकी भूमिका रहती है।
परिवार के कुछ सदस्यों को इनके बढ़ते प्रभाव पर आपत्ति रही है, और यह असहमति समय-समय पर सार्वजनिक रूप से भी उभरती रही है। रोहिणी के तजा बयान ने इस विवाद को और व्यापक बना दिया है और पार्टी के भीतर चल रही सत्ता-समीकरण की बहस को फिर से तेज कर दिया है।
Published on:
15 Nov 2025 09:28 pm
