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तालाब में कमल गट्टा तोड़ने गए बुआ भतीजे की डूबकर मौत, एक झटके में बुझ गया घर का चिराग

गोंडा जिले में तालाब से कमलगट्टा तोड़ने गए बुआ-भतीजे की डूबकर मौत हो गई। गांव में मातम पसरा है। परिजन अस्पताल में डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं। कहा-समय पर इलाज मिलता तो शायद बच जाती मासूम ज़िंदगियां।

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Gonda

मृतकों की फाइल फोटो सोर्स परिजन

गोंडा जिले के करनैलगंज तहसील क्षेत्र के सैलरी मंडप सूबेदार पुरवा गांव में मंगलवार देर शाम को एक दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को दहला दिया। तालाब से कमलगट्टा (कमल के बीज) तोड़ने गए दो मासूम बच्चों की डूबकर मौत हो गई। दोनों के शव बाहर निकाले जाने के बाद परिजनों में चीख-पुकार मच गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने मृतकों के शव को कब्जे में लेकर पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

मृतकों की पहचान 10 वर्षीय रवि कुमार और 15 वर्षीय राधिका के रूप में हुई है। दोनों बुआ-भतीजे बताये जा रहे हैं। परिजनों के अनुसार, बुधवार दोपहर दोनों तालाब के किनारे खेल रहे थे। इसी दौरान उन्होंने कमलगट्टा तोड़ने के लिए तालाब में उतर गए। गहराई का अंदाजा न होने के कारण दोनों पानी में डूब गए। आसपास मौजूद ग्रामीणों ने किसी तरह दोनों को बाहर निकाला। और उन्हें कर्नलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) ले गए। लेकिन परिजनों का आरोप है कि अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टर काफी देर तक नहीं पहुंचे। जिससे बच्चों की जान नहीं बचाई जा सकी। उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सक पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। वहीं, स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टरों का कहना है कि दोनों बच्चों को लाने से पहले ही उनकी मृत्यु हो चुकी थी।

सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे

हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। शवों का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। घटना के बाद से गांव में मातम पसरा हुआ है। परिजन बार-बार रोते हुए एक ही सवाल कर रहे हैं कि अगर डॉक्टर समय पर देख लेते तो शायद दोनों की जान बच जाती। ग्रामीणों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग की है।