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फाइलेरिया की दवा खाने के बाद यदि ये लक्षण दिखे तो घबराएं नहीं, जानिए ऐसा क्यों होता?

फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले में आए विशेषज्ञों ने बताया कि फाइलेरिया की दवा खाली पेट ना खाएं। शुगर बीपी के मरीज जो नियमित दवा खा रहे हैं। वह भी इस दवा को खा सकते हैं। यह पूरी तरह से सुरक्षित है। यदि दवा खाने के बाद शरीर में यह लक्षण दिखाई देते हैं। तो यह सकारात्मक संदेश है।

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विशेषज्ञ प्रतिनिधियों के साथ बैठक करती सीएमओ फोटो सोर्स पत्रिका

गोंडा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जिले में चल रहे सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) अभियान 2025 का दिल्ली से आए बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन (बीएमजीएफ) के प्रतिनिधि डॉक्टर मानिक रेलान, पाथ फाउंडेशन के डॉक्टर शोएब अनवर तथा प्रोजेक्ट कंसर्न इंटरनेशनल (पीसीआई) के ध्रुव सिंह व विकास द्विवेदी ने निरीक्षण किया। विशेषज्ञों की यह टीम बुधवार को जिले में पहुंची और कई विकासखंड में निरीक्षण कर जानकारी हासिल की।

जिले के कटरा बाजार, हलधरमऊ एवं कर्नलगंज विकास खंडों के कई गांवों में जाकर चल रहे अभियान का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने ग्राम प्रधान, कोटेदार, समूह सखी एवं स्कूलों के प्रतिनिधियों से भेंटकर उनके सहभागिता की सराहना की तथा मासांत तक चलने वाले पूरे अभियान के दौरान उनके सहयोग की अपेक्षा की।
ग्रामीणों से बातचीत करते हुए डॉक्टर मानिक रेलान ने आम जनमानस से अपील की कि जब आशा कार्यकर्ता दवा लेकर आएं, तो वे खुद भी दवा लें और अपने परिवार को भी इसके लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि यह दवा फाइलेरिया मरीजों के इलाज के लिए नहीं, बल्कि स्वस्थ लोगों को इस लाइलाज बीमारी से बचाव के लिए इस माह के अंत तक स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर खिलाई जा रही है। डॉक्टर मानिक ने कहा कि यह मच्छरों के माध्यम से फैलने वाली बीमारी है।

15 से 20 वर्षों में दिखाई पड़ते इसके लक्षण

इसके लक्षण 15 से 20 वर्ष बाद प्रकट होते हैं। इसके प्रकोप से लोगों को हाइड्रोसील और हाथीपांव नामक बीमारी हो सकती है। हाइड्रोसील का तो उपचार है, किंतु हाथीपांव का कोई इलाज नहीं है। इसलिए गर्भवती महिलाओं, अत्यंत निःशक्त व्यक्तियों तथा एक वर्ष से कम आयु के बच्चों को छोड़कर सभी के लिए आवश्यक है कि वे इस लाइलाज बीमारी से बचने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता से दवा अवश्य खाएं। पांच वर्ष तक साल में एक बार इस दवा का नियमित सेवन करने से बाद में पूरी जिंदगी किसी को फाइलेरिया नहीं हो सकती।

खाली पेट दवा ना खाएं

भ्रमण के दौरान डॉक्टर शोएब अनवर ने लोगों को बताया कि किसी भी व्यक्ति को खाली पेट यह दवा नहीं खानी है। दवा सेवन के बाद स्वास्थ्य कर्मी द्वारा लाभार्थी की उंगली पर निशान लगाया जाएगा। उन्होंने कहा कि सुगर, बीपी जैसी बीमारियों की नियमित दवाएं लेने वाले लोग भी इसका सेवन कर सकते हैं। यह दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं।

हल्का बुखार सिर दर्द बदन दर्द हो तो घबराये ना, यह सकारात्मक संदेश

कुछ लोगों को हल्का बुखार, सिरदर्द या शरीर दर्द हो सकता है। जो पहले से मौजूद फाइलेरिया कृमियों के नष्ट होने की प्रतिक्रिया है। यह एक सकारात्मक संकेत है कि व्यक्ति बीमारी से सुरक्षित हो रहा है। विशेष परिस्थितियों में चिकित्सकीय सहायता के लिए रेपिड रिस्पॉन्स टीम उपलब्ध है।

सीएमओ के साथ बैठक कर तैयार किया फीडबैक

टीम ने मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ रश्मि वर्मा के साथ एक बैठक कर क्षेत्र भ्रमण के दौरान प्राप्त सुझावों व समस्याओं के आधार पर अपने फीडबैक शेयर किया। जनपद में संचालित दो कम्युनिटी रेडियो स्टेशनों रेडियो अवध तथा ज्ञानस्थली रेडियो के प्रतिनिधियों से भी उन्होंने सामुदायिक सहभागिता के अंतर्गत इस अभियान में सहयोग की अपील की। कुल मिलाकर टीम ने जिले में चलाए जा रहे अभियान के प्रति संतोष व्यक्त किया। बैठक में जिला मलेरिया अधिकारी एसजेडए जैदी, पाथ फाउंडेशन के जिला समन्वयक मोहम्मद शकील, जानकी शरण द्विवेदी, आरजे प्रिया, मो. इमरान आदि उपस्थित रहे।