
फोटो सोर्स: सोशल मीडिया, ARV लगवाने की होड
गोरखपुर में हैरान करने वाली घटना हुई है यहां पीएचसी पर उस समय हड़कंप मच गया जब अचानक बड़ी संख्या में लोग एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने पहुंच गए, जिससे अफरा तफरी का माहौल मचा रहा। मामला उरुवा ब्लॉक रामडीह गांव में आयोजित एक धार्मिक अनुष्ठान में रेबीज संक्रमित गाय के कच्चे दूध से बना पंचामृत पीने के बाद तकरीबन 150 ग्रामीणों में दहशत फैल गई है।इसी बीच संक्रमित गाय की दर्दनाक मौत ने लोगों की चिंता और बढ़ा दी है। इसी डर के चलते अब तक 70 से अधिक ग्रामीण प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) उरुवा पहुंचकर एंटी रेबीज वैक्सीन की पहली डोज ले चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक करीब तीन महीने पहले गांव के दो सुशील गौड़ और धर्मेंद्र गौड़ की गायों को एक कुत्ते ने काट लिया था। सुशील ने अपनी गाय को एंटी रेबीज वैक्सीन दिलवा दी, लेकिन धर्मेंद्र गौड़ ने इसे हल्के में लिया और अपनी गाय का इलाज नहीं कराया। धीरे-धीरे गाय के शरीर में रेबीज इन्फेक्शन फैलने लगा। इसी बीच हाल ही में गांव में राजीव गौड़ और सोनू विश्वकर्मा के यहां धार्मिक आयोजन रखा गया, जिसमें पंचामृत तैयार करने के लिए धर्मेंद्र की गाय का कच्चा दूध लिया गया। यहां आए करीब डेढ़ सौ ग्रामीणों पंचामृत का सेवन किया।
ग्रामीणों के मुताबिक बुधवार को धर्मेंद्र के गाय की अचानक तबीयत बिगड़ने लगी। परीक्षण में रेबीज की पुष्टि होने के बाद उसका स्वास्थ्य बिगड़ गया और वह कुत्तों की तरह लोगों को काटने दौड़ने लगी, हालत गंभीर होने पर शनिवार रात गाय की मौत हो गई, जिसके बाद पूरे गांव में हड़कंप मच गया। क्योंकि पंचामृत उसी गाय के दूध से बना था।स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. जे.पी. तिवारी के अनुसार, एहतियात के तौर पर पंचामृत ग्रहण करने वाले हर व्यक्ति को तीन डोज दी जाएगी। पहली डोज के तीन दिन बाद दूसरी और सातवें दिन तीसरी डोज लगाई जाएगी। इधर पंचामृत पीने वाले लोग काफी भयभीत हैं। CMO गोरखपुर डॉ. राजेश झा ने कहा कि मामला संज्ञान में है और विशेषज्ञों की टीम निगरानी कर रही है। अधिकारियों ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और समय से वैक्सीन लेने की अपील की है।
Published on:
16 Nov 2025 03:07 pm
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