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रेलवे भर्ती बोर्ड , गोरखपुर के पूर्व चेयरमैन के घर CBI का छापा, चार घंटे तक हुई पूछताछ…आलीशान मकान देख CBI के उड़े होश

आरआरबी गोरखपुर में जांच करने के बाद गुरुवार दोपहर में CBI पूर्व चेयरमैन और फर्जीवाड़े में शामिल दो अन्य रेलकर्मियों के आवास पर भी गई लेकिन कोई मिला नहीं। सीबीआई की टीम ने घर वालों से पूछताछ की और जरूरी डॉक्यूमेंट मौके से लिए हैं।

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फोटो सोर्स: पत्रिका, RRB गोरखपुर के पूर्व अध्यक्ष के आवास पर CBI की रेड

गोरखपुर में रेलवे भर्ती बोर्ड के पूर्व चेयरमैन के आवास पर CBI के पहुंचते ही हड़कंप मच गया, यहां चार घंटे तक पूछताछ करने के बाद CBI वापस चली गई। मालूम हो कि पूर्व चेयरमैन पर भर्ती के लिए आए पैनल में छेड़छाड़ करने का आरोप है। इस मामले में पहले ही उनपर विभागीय कार्रवाई हो चुकी है। उनके समय RRB में कार्यरत रहे 3 कर्मचारी भी जांच के दायरे में लाए गए हैं।

रिक्तियों से अधिक नियुक्ति और पैसों के लेनदेन का आरोप

विभागीय सूत्रों के हवाले से खबर है कि पूर्व चेयरमैन के विरुद्ध जिस मामले में CBI जांच कर रही है, वह 2019 की भर्ती से जुड़ा है। उस समय सहायक लोको पायलट व टेक्नीशियन वर्ग की भर्ती में गड़बड़ी का मामला सामने आया था। CBI टीम दोपहर 1 बजे यहां पहुंची और शाम 5 बजे के बाद वापस चली गई। पूर्वोत्तर रेलवे में रिक्तियों से अधिक पदों पर भर्ती करने का आरोप लगाया गया था। इसमें पैसे के लेन-देन का आरोप भी लगा था।

रिक्त पदों से ज्यादे अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी होने के बाद खुला खेल

मामले का खुलासा तब हुआ जब रिक्त पदों से अधिक अभ्यर्थियों की लिस्ट जारी हो गई और उन्हें पूर्वोत्तर रेलवे में नौकरी नहीं मिली तो दूसरे रेलवे में समायोजित करना पड़ा। इस संदेहास्पद मामले में विजिलेंस की टीम ने जांच की थी और उस समय चेयरमैन रहे पीके राय को हटा दिया या था। वह वर्तमान में ईस्टर्न रेलवे में कार्यरत हैं। इस केस में RRB में ग्रुप डी कर्मचारी के रूप में कार्यरत एक कर्मचारी और तकनीकी विभाग में कार्यरत एक अन्य कर्मचारी से भी पूछताछ हुई।

इन अधिकारियों पर है गंभीर आरोप, दो चेयरमैन हटाए जा चुके हैं

CBI की रडार पर आए अधिकारियों पर आरोप है कि ये पैनल भी बदल लेते थे। अधिक नंबर पाने वाला कोई अभ्यर्थी यदि जवाइन करने नहीं आता था तो उसकी जगह दूसरा नाम शामिल कर लिया जाता था। इस काम में लंबा खेल हुआ था। यही कारण है कि पूर्व चेयरमैन पर उस समय कार्रवाई हुई थी। एक और चेयरमैन हटाए जा चुके हैं।

दो रेलकर्मियों ने अपने बेटों को बिना परीक्षा के ही पैनल में शामिल कर किया

रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) गोरखपुर में 2024 में भी एक भर्ती घोटाला सामने आया था। इसमें दो रेलकर्मियों, कार्यालय अधीक्षक चंद्र शेखर आर्य और निजी सचिव (द्वितीय) राम सजीवन ने अपने बेटों को बिना किसी परीक्षा या दस्तावेजों की जांच के ही फिटर के पद के लिए पैनल में शामिल कर लिया था।

रेलकर्मियों के बेटों को माडर्न कोच फैक्ट्री, रायबरेली में किया गया नियुक्त

यह घोटाला तब सामने आया जब 26 अप्रैल, 2024 को जारी पैनल में इन दोनों के बेटों, राहुल और सौरभ को बिना बिना परीक्षा दिए ही मॉडर्न कोच फैक्ट्री रायबरेली में फिटर के पद पर नियुक्त कर दिया गया।इस घोटाले के सामने आने के बाद, आरआरबी गोरखपुर के अध्यक्ष को निलंबित कर दिया गया था और भर्ती प्रक्रिया रोक दी गई थी। इस मामले में तीनों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया गया है।