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गए थे कारीगरी करने दुबई , टूटा सपना…करना पड़ रहा है यह काम, पासपोर्ट भी हुआ जब्त

गोरखपुर में कुकुरमुत्ते की तरह उगे विदेश भेजने वाले संस्थान लगातार पूर्वांचल के बेरोजगारों को विदेश में अच्छी नौकरी और सैलरी का झांसा दिखाकर वहां मजदूरी करवा रहे हैं। परिजनों की शिकायत पर पुलिस लगातार इन संस्थानों पर कारवाई कर रही है लेकिन इसके बावजूद ठगी कम होने जा नाम नहीं ले रही है।

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फोटो सोर्स: पत्रिका, विदेश भेजने के नाम पर ठगी

गोरखपुर में एक बार फिर युवकों के विदेश जाकर कमाने का सपना फर्जी विदेश भेजने वाली कंपनी ने तोड़ डाला। जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्रालय की साइट पर एजेंसी को मान्यता प्राप्त होने का झांसा देकर दो युवकों से बड़ी रकम वसूले गए। इसके बाद उन्हें दुबई भेज दिया गया, जहां पांसपोर्ट जब्त कर जबरन उनसे मजदूरी का काम कराया जा रहा है।पुलिस ने सिंघड़िया स्थित आकाश टेक नामक संस्था के विरुद्ध केस दर्ज कर जांच कर रही है।

विदेश में नौकरी का झांसा देकर 75-75 हजार रुपए जमा कराए

जानकारी के मुताबिक पिपराइच के सोनवे गोनहरा निवासी कुसुमावती देवी और संतकबीरनगर महुली निवासी बिलइता देवी ने कैंट थाने में तहरीर देकर आरोप लगाया। कुसुमावती और बिलइता ने पुलिस को बताया कि उनके पुत्र क्रमश: राधे और रमानंद फर्नीचर का कार्य करते हैं और विदेश जाना चाहते थे। इसी दौरान दोनों युवकों ने सिघड़िया स्थित आकाश टेक से संपर्क किया। संस्था ने स्वयं को विदेश मंत्रालय से मान्यता प्राप्त एजेंसी बताते हुए प्रति व्यक्ति 75-75 हजार रुपये जमा कराए और उन्हें दुबई भेज दिया। दुबई पहुंचने पर युवकों को पता चला कि उन्हें तकनीकी कार्य नहीं, बल्कि सामान्य मजदूरी का काम सौंपा गया है।

सही काम न मिलने पर एजेंसी से किया गया संपर्क, एजेंसी ने खड़ा किया हाथ

मजदूरी करने के काम से खुन्नस विरोध करते हुए युवकों ने जब एजेंसी से संपर्क किया तो संचालक और मैनेजर ने साफ कह दिया कि, जो काम मिला है वही करो, हम कुछ नहीं कर सकते। फिर कंपनी ने दोनों के पासपोर्ट अपने पास रख लिए, जिससे वे वापस नहीं लौट सकें।महिलाओं ने कहा कि उनके बेटों को वहां मानसिक और आर्थिक दोनों तरह की परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं, जबकि एजेंसी कोई सहयोग देने को तैयार नहीं है। विदेश भेजने के नाम पर संस्था ने ठगी की है और दी गई जानकारी भी झूठी है। थाना प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि पीड़ितों की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। महिलाओं ने पुलिस को बताया कि संस्था की तरफ से कोई सहयोग नहीं करने पर उन्होंने विदेश मंत्रालय की वेबसाइट पर जांच कराई। वहां यह जानकारी मिली कि आकाश टेक नाम की कोई एजेंसी पंजीकृत ही नहीं है, फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।


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