Greater Noida: ग्रेटर नोएडा के सेक्टर-137 स्थित पारस टियरा सोसाइटी में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां डे-केयर में सवा साल की बच्ची के साथ मारपीट का आरोप लगा है। पीड़ित बच्ची की मां की शिकायत पर पुलिस ने शुक्रवार को डे-केयर की संचालिका चारु और उसकी नाबालिग सहायिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस ने नाबालिग सहायिका को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिक, पारस टियरा सोसाइटी में रहने वाली मोनिका की बेटी डे-केयर में जाती थी। मोनिका ने पुलिस को बताया कि सोमवार को जब वह बेटी को डे-केयर से लेकर आई तो वह लगातार रो रही थी। कपड़े बदलते समय मां ने देखा कि बच्ची के पैरों में दो गोल निशान हैं। संदेह होने पर वह उसे डॉक्टर के पास ले गई। जांच के दौरान डॉक्टर ने बताया कि ये निशान मानव दांतों के काटने से बने हैं।
इसके बाद मोनिका डे-केयर पहुंची और वहां लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज देखी। फुटेज में दिखा कि नाबालिग सहायिका बच्ची को जमीन पर गिराती है, प्लास्टिक के बैट से मारती है और दांतों से काटती है। जब मोनिका ने इस बारे में संचालिका चारु से बात की तो आरोप है कि उसने भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया और मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
कोतवाली प्रभारी ने बताया कि शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस जांच में सामने आया है कि डे-केयर ग्राउंड फ्लोर पर किराये के फ्लैट में संचालित हो रहा है, जिसमें सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। प्रारंभिक फुटेज के अनुसार, सहायिका के हाथ से बच्ची गिरने की बात भी सामने आ रही है, लेकिन मां के आरोपों की पुष्टि के लिए पुलिस मामले की जांच में जुटी है। डे केयर सहायिका से भी पूछताछ की जा रही है। मामले में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी।
यह घटना एक बड़े मुद्दे की ओर भी इशारा करती है। वह ये कि सोसाइटी और सेक्टर में बिना अनुमति के डे-केयर का संचालन हो रहा है। नियमों के मुताबिक, आवासीय परिसरों में कॉमर्शियल गतिविधियां प्रतिबंधित हैं, लेकिन ग्रेटर नोएडा और ग्रेनो वेस्ट की कई सोसाइटियों में डे-केयर, पीजी और हॉस्टल बिना किसी अनुमति के चल रहे हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ प्रबंधक (नियोजन विभाग) डॉ. सुधीर कुमार ने स्पष्ट किया कि ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी में डे-केयर जैसी गतिविधियों की अनुमति नहीं है और नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अधिकांश डे-केयर में बच्चों की सुरक्षा के लिए आवश्यक इंतजाम नहीं हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, सुरक्षित संचालन के लिए निम्न व्यवस्थाएं जरूरी हैं। इसमें प्रशिक्षित स्टाफ की नियुक्ति, सुरक्षित प्रवेश और निकास, गेट पर सुरक्षा गार्ड और विजिटर रजिस्टर, नजदीकी अस्पताल से टाई-अप, सभी जगह सीसीटीवी कैमरे, पंजीकरण और लाइसेंस, राज्य बाल कल्याण विभाग या स्थानीय प्रशासन से अनुमति, बच्चों का हेल्थ रिकॉर्ड और इमरजेंसी कॉन्टैक्ट आदि पर प्रमुखता से ध्यान दिया जाना चाहिए, लेकिन एनसीआर क्षेत्र में कहीं-कहीं इनकी अनदेखी की खबरें भी सामने आती रही हैं।
एसीपी सेंट्रल नोएडा बीएस वीर कुमार ने कहा कि नाबालिग सहायिका पर मारपीट के आरोप की जांच की जा रही है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि यह मामला न केवल एक बच्ची के साथ हुई कथित मारपीट का है, बल्कि शहर में चल रहे अवैध डे-केयर संचालन और मासूमों की सुरक्षा से जुड़े गंभीर सवाल भी खड़े करता है। इस मामले की गहनता से जांच की जाएगी।
Published on:
09 Aug 2025 10:43 am