mp news: गुना जिले की बमोरी विधानसभा में स्थित प्राचीन केदारनाथ मंदिर (Kedarnath Temple), जो सदियों से धार्मिक आस्था का केंद्र रहा है, पिछले कई वर्षों से श्रद्धालुओं के लिए बंद पड़ा है। मंदिर मार्ग में मौजूद विशालकाय चट्टानों का पहाड़ अब जर्जर और अत्यंत जोखिमपूर्ण अवस्था में पहुंच चुका है, जिससे न केवल आमजन बल्कि मंदिर की संरचना को भी गंभीर खतरा है। इस स्थिति को देखते हुए केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री मोहन यादव (CM Mohan Yadav) को पत्र लिखकर त्वरित कार्रवाई कराने को कहा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) ने पत्र में उल्लेख किया है कि मंदिर तक पहुंचने का मुख्य मार्ग चट्टानों के टूटने की संभावना के कारण बंद किया गया है। उन्होंने बताया कि समय-समय पर जनप्रतिनिधि और स्थानीय लोग मंदिर को पुनः खोलने और परिसर का कायाकल्प करने की मांग करते रहे हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों से प्रशासन इसे संभव नहीं कर पा रहा। गुना प्रशासन और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (जीएसआई) द्वारा किए गए संयुक्त सर्वेक्षण में पहाड़ का रॉक मास रेटिंग (आरएमआर) 40 और स्लोप मास रेटिंग (एसएमआर) 28 पाई गई है, जो चौथी श्रेणी में आती है।
रिपोर्ट के अनुसार, इस क्षेत्र में स्लोप टूटने की संभावना अत्यधिक है और किसी भी समय दुर्घटना हो सकती है। सर्वेक्षण में सुझाव दिया गया है कि फिलहाल मार्ग को आम जनता के लिए बंद रखा जाए और चट्टान गिरने की घटनाओं को कम करने के लिए तार की जाली (रॉक कैचर) लगाई जाए।
सिंधिया ने अपने पत्र में कहा कि यह कार्य जिला प्रशासन के स्तर पर संभव नहीं है, इसलिए जिला कलेक्टर ने 11 जुलाई 2025 को राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) को पत्र लिखकर मदद मांगी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि एसडीआरएफ को शीघ्र कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाएं, ताकि इन चट्टानों को सुरक्षित रूप से हटाकर मंदिर तक पहुंचने का सुगम और सुरक्षित मार्ग बनाया जा सके। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस कार्य में देरी किसी अप्रिय घटना का कारण बन सकती है।
Updated on:
14 Aug 2025 03:33 pm
Published on:
14 Aug 2025 03:28 pm