Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

तीन साल बाद नया कनेक्शन लेने गए तो पुराने का निकाल दिया 2.27 लाख रुपए का बिल, निरस्त करने के आदेश

फैक्ट्री बंद होने के बाद उन्होंने अपना बिजली का कनेक्शन काटने के लिए बिजली कंपनी के पास आवेदन किया। बिजली कंपनी ने बिल की गणना कर स्थायी रूप से कनेक्शन काट दिया। बकाया न होने का सर्टिफिकेट बी दे दिया।

less than 1 minute read
तीन साल बाद नया कनेक्शन लेने गए तो पुराने का निकाल दिया 2.27 लाख रुपए का बिल, निरस्त करने के आदेश

तीन साल बाद नया कनेक्शन लेने गए तो पुराने का निकाल दिया 2.27 लाख रुपए का बिल, निरस्त करने के आदेश

ग्वालियर। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को उपभोक्ता फोरम से बड़ा झटका लगा है। फोरम ने यह कहते हुए 2.27 लाख रुपए के बिल को यह कहते हुए निरस्त कर दिया कि ऑडिट के नाम पर वसूली अवैध है। बिजली कंपनी ने अनुचित व्यापार किया है। हालांकि फोरम ने नए कनेक्शन के संबंध में परिवादी को राहत नहीं दी है।

दरअसल राम जयसवाल आइस फैक्ट्री का संचालन करते थे, लेकिन कोविड 19 के दौरान उनकी फैक्ट्री बंद हो गई। फैक्ट्री बंद होने के बाद उन्होंने अपना बिजली का कनेक्शन काटने के लिए बिजली कंपनी के पास आवेदन किया। बिजली कंपनी ने बिल की गणना कर स्थायी रूप से कनेक्शन काट दिया। बकाया न होने का सर्टिफिकेट बी दे दिया। तीन साल बाद उन्होंने रोशनी घर जोन में नए कनेक्शन के लिए आवेदन किया।

नया कनेक्शन का आवेदन आने के बाद बिजली कंपनी ने 2 लाख 27 हजार रुपए का बिल थमा दिया। कंपनी ने तर्क दिया कि 2015 से 2017 के बीच ऑडिट रिकवरी निकली थी, जिसकी वजह से बिल बकाया है। बकाया बिल जमा होने के बाद ही नया कनेक्शन मिल सकेगा। इसको लेकर फोरम में परिवाद दायर किया। अधिवक्ता मनोज उपाध्याय ने तर्क दिया कि यदि कोई ऑडिट रिकवरी होती है तो उसका दो साल के भीतर नोटिस देना होता है।

स्थायी रूप से कनेक्शन काटते वक्त बिजली कंपनी ने खुद माना था कि अब कोई बकाया नहीं है। इसका सर्टिफिकेट भी दिया। बिजली कंपनी ने परिवाद का विरोध किया। कंपनी ने तर्क दिया कि बकाया जमा नहीं किया जाता है, तब तक कनेक्शन नहीं दिया जा सकता है। फोरम ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद बिल निरस्त कर दिया।