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सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा विवाद खत्म करने जुलाई तक की मोहलत

कोर्ट का संभागायुक्त को आदेश- गुर्जर व क्षत्रियों की बैठक कर रिपोर्ट पेश करें

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सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा विवाद खत्म करने जुलाई तक की मोहलत

सम्राट मिहिर भोज प्रतिमा विवाद खत्म करने जुलाई तक की मोहलत

ग्वालियर। हाईकोर्ट की युगल पीठ ने सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा विवाद को खत्म करने के लिए संभागायुक्त को जुलाई 2024 तक का समय दिया है। संभागायुक्त को गुर्जर व क्षत्रिय समाज की बैठक बुलाकर विवाद को खत्म करना है। सोमवार को अतिरिक्त महाधिवक्ता ने कोर्ट को अवगत कराया कि संभागायुक्त प्रतिमा विवाद पर रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। इसके लिए चार सप्ताह के समय की जरूरत है। कोर्ट ने जुलाई तक समय दिया है।

ग्वालियर निवासी राहुल साहू ने सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा को लेकर उपजे विवाद को लेकर जनहित याचिका दायर की है। याचिका में तर्क दिया है कि क्षत्रियों व गुर्जर समाज के बीच प्रतिमा को लेकर विवाद हो रहा है। इससे शहर में कानून व्यवस्था की स्थिति बिगड़ रही है। इसके बाद कोर्ट ने 29 सितंबर 2021 को एक अंतरिम आदेश दिया था। इसमें प्रतिमा पर यथा स्थिति बनाए रखने को कहा गया था था। चिरवाई नाके पर लगी प्रतिमा के शिलालेख को ढंक दिया गया। अब कोर्ट ने संभागायुक्त को आदेश दिया है कि क्षत्रियों व गुर्जर समाज के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करें। विवाद को सुलझाने का प्रयास करें। इस आदेश के पालन में संभागायुक्त को रिपोर्ट पेश करनी है।

सम्राट ने समाज के लिए जो किया, उससे वे सबके पूजनीय3 जनवरी 2024 को कोर्ट ने विवाद को खत्म करने कहा था कि भगवान सभी के हैं, वैसे ही सम्राट मिहिर भोज भी सभी के हैं। उन्होंने समाज के लिए जो किया, उसकी वजह से सम्राट सबके लिए पूजनीय हैं। नाम ऐसा होना चाहिए कि जिसे पूजने में किसी को दिक्कत न हो। हमारा मानना है कि सम्राट मिहिर भोज के सामने यदि गुर्जर नहीं लिखा जाए या हटा दिया जाए तो प्रतिमा नहीं बदल जाएगी। प्रतिमा तो सम्राट की रहेगी।