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जल्द ‘4-लेन’ होगा ग्वालियर-भिंड हाइवे, गांव वालों से जमीन लेंगे SDM

Gwalior-Bhind four-lane: ग्वालियर-भिंड हाइवे को फोरलेन करने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। सतीश जोशी ने इस संबंध में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी।

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(Photo Source- Patrika)

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Gwalior-Bhind four-lane:एमपी में ग्वालियर से भिंड के बीच बहुप्रतीक्षित फोरलेन हाइवे के निर्माण की कवायद अब तेज हो गई है। मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (एमपीआरडीसी) इस महत्वपूर्ण हाइवे का निर्माण करेगा और इसके लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने हेतु कंसल्टेंट की नियुक्ति भी कर दी गई है।

वर्तमान में प्रतिदिन इस सड़क से 21 हजार 326 वाहन गुजरते हैं, जिससे यातायात का भारी दबाव रहता है। इससे यहां हादसे बढ़े हैं। यह हाइवे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को जोड़ता है, जिससे चलते वाहनों का दबाव अधिक रहता है।

लंबे समय से की जा रही थी मांग

यह जानकारी एमपीआरडीसी ने हाईकोर्ट में एक स्टेटस रिपोर्ट पेश करते हुए दी। दरअसल, ग्वालियर-भिंड हाइवे को फोरलेन करने की मांग लंबे समय से की जा रही थी। सतीश जोशी ने इस संबंध में हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता ने तर्क दिया था कि मौजूदा हाइवे पर वाहनों का भारी दबाव बढऩे के कारण आए दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं।

हाइवे को चौड़ा करने के लिए कई सामाजिक संगठनों द्वारा आंदोलन भी किए गए थे। हाईकोर्ट ने नोटिस जारी कर एमपीआरडीसी से जवाब मांगा था। विभाग ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में हाइवे बनाने की दिशा में किए गए प्रयासों की विस्तृत जानकारी दी है। साथ ही 2024 से हाइवे की दिशा में हो रहे कार्यों का उल्लेख भी किया है।

कस्बों से बायपास जाएगा हाइवे

नया हाइवे मालनपुर, गोहद, मेहगांव भिंड व फूफ के अंदर से होते हुए नहीं जाएगा। इसे बायपास से निकाला जाएगा। मालनपुर, गोहद, मेहगांव भिंड व फूफ के जाम का सामना करना पड़ता है। बायपास जाने से वाहनों का समय बचेगा।

भूमि अधिग्रहण की जिम्मेदारी चार एसडीएम के पास

हाइवे निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण किया जाना है। इसके लिए भिंड कलेक्टर को पत्र लिखा गया। चार एसडीएम को अधिग्रहण की जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही हाइवे के लिए अधिग्रहण होने वाली जमीन की तहसील स्तर से जानकारी मांगी गई है।

एक्सपर्ट- वाहनों का दबाव कम होगा

हाइवे के लिए आंदोलन किया गया था, आए दिन हादसे हो रहे थे। इस कारण हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। ग्वालियर ङ्क्षभड के बीच फोरलेन सड़क होने पर वाहनों का दबाव कम होगा, लोगों का जाम का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। ग्वालियर-भिंड के बीच सफर करने में समय भी बचेगा, हादसे की संभावना भी कम होगी।- आरके जोशी, अधिवक्ता