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लौकी-तोरई, तरबूज, आलू की ग्रोथ कर रहा ‘ऑक्सीटोसिन’ ! कलेक्टर को नोटिस जारी

MP News: सब्ज़ी मंडियों में ऑक्सीटोसिन से बड़े किए गए तरबूज और फल-सब्जियां खुलेआम बिक रही हैं....

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(Photo Source - Social Media)

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MP News:एमपी के ग्वालियर शहर में फल-सब्जियों और पोल्ट्री में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का दुरुपयोग 12 साल बाद भी नहीं थमा और सरकार की यह लापरवाही अब हाईकोर्ट की नजरों में आ गई है। बीते दिन हाईकोर्ट की एकल पीठ ने स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव संदीप यादव और कलेक्टर ग्वालियर रुचिका चौहान को अवमानना नोटिस जारी कर सीधे सवाल किया। 2013 में दिए आदेश के बावजूद अब तक इस खतरनाक उपयोग पर लगाम क्यों नहीं लगी?

बिना रोक-टोक बिक रहा आलू

अवमानना याचिका बीपी सिंह राजावत की ओर से दाखिल की गई। अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने अदालत के सामने साफ कहा लौकी, तोरई, तरबूज, आलू समेत कई सब्जियों को बड़ा करने में ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का उपयोग बदस्तूर जारी, पोल्ट्री में चूजों की तेज ग्रोथ के लिए यही प्रतिबंधित इंजेक्शन लगाया जा रहा, कई इलाकों में यह इंजेक्शन किराने की दुकानों तक पर बिना रोक-टोक बिक रहा, किसान आलू की फसल पर इसका सीधा छिड़काव कर रहे हैं, यह सब तब हो रहा है जब 6 सितंबर 2013 को हाईकोर्ट ने स्पष्ट रूप से बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए थे।

कोर्ट में खुलासा- मंडी में खुलेआम बिक रहीं इंजेक्शन वाली सब्जियां

याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि सब्ज़ी मंडियों में ऑक्सीटोसिन से बड़े किए गए तरबूज और फल-सब्जियां खुलेआम बिक रही हैं। यह न सिर्फ उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य पर गंभीर खतरा है, बल्कि अदालत के आदेशों की सीधी अवहेलना है।

क्या है ऑक्सीटोसिन

कई बार किसान सब्जियों और फलों को बड़ा करने के लिए ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का दुरुपयोग करते हैं, जिससे वह रसायन मानव उपभोग के लिए खतरनाक हो जाता है। जानवरों के लिए इसके अत्यधिक उपयोग से उनके स्वास्थ्य पर भी गंभीर दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं, और इससे उत्पादित दूध भी सुरक्षित नहीं रहता है।