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‘300 रुपए’ में घर बैठे मिलेगा ‘जमीन का रिकॉर्ड’, आसान होगी प्रक्रिया

MP News: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में रजिस्ट्री की प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे।

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MP News: मध्यप्रदेश के ग्वालियर में पंजीयन विभाग ने रजिस्ट्री की प्रक्रिया को आधुनिक और पारदर्शी बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। साल 2025 से पहले 15 साल पुराना रिकॉर्ड पूरी तरह स्कैन करके ऑनलाइन उपलब्ध कराया जाएगा। अब रजिस्ट्री के रिकॉर्ड प्राप्त करने के लिए दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने होंगे।

सिर्फ तीन सौ रुपए में हो जाएगा काम

घर बैठे रजिस्ट्री की नकल प्राप्त करने के लिए मात्र 300 रुपए ऑनलाइन शुल्क जमा करना होगा। साथ ही बैंक लोन के लिए आवश्यक सर्च प्रक्रिया भी अब पहले की तुलना में काफी तेज और सरल हो गई है। विभाग के अनुसार, साल1995 से 1999 तक के रिकॉर्ड को भी ऑनलाइन करने की तैयारी अंतिम चरण में है। ये रिकॉर्ड उपलब्ध होते ही बैंक सर्च प्रक्रिया में आ रही सबसे बड़ी बाधा समाप्त हो जाएगी, क्योंकि अधिकांश बैंक ऋण स्वीकृति के लिए 1995 से रिकॉर्ड की मांग करती हैं।

जिला पंजीयक अशोक शर्मा ने बताया कि पूरा रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जाना है। वृत्त-1 का 15 साल पुराना रिकॉर्ड ऑनलाइन हो चुका है। नकल भी ऑनलाइन मिलने लगी है। 1995 से 2000 के बीच का रिकॉर्ड ऑनलाइन किया जाना है।

ई-रजिस्ट्री से और आसान हुई प्रक्रिया

संपदा-2 सॉफ्टवेयर लागू होने के बाद अब ई-रजिस्ट्री उपलब्ध हो रही है। इससे प्रिंट रखने की जरूरत नहीं रहती, क्योंकि दस्तावेज सीधे मेल और मोबाइल पर मिल जाते हैं।

संपदा-1 सॉफ्टवेयर साल 2015 में हुआ था लागू

पंजीयन विभाग में संपदा-1 सॉफ्टवेयर साल 2015 में लागू हुआ था। इससे पहले रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी तरह मैनुअल थी। हस्ताक्षर और अंगूठा लगने के बाद रजिस्ट्री की एक प्रति पक्षकार को और दूसरी प्रति कार्यालय में रखी जाती थी। यह मैनुअल रिकॉर्ड गोरखी स्थित रिकॉर्ड रूम में सुरक्षित था, लेकिन समय के साथ कई दस्तावेज जर्जर होकर क्षतिग्रस्त होने लगे थे।

ऑनलाइन रिकॉर्ड होने कई फायदे हैं। जैसे कि पुराने जर्जर रिकॉर्ड सुरक्षित हो जाएंगे और उनके नष्ट होने का खतरा खत्म होगा। रिकॉर्ड गुम होने या बदलने जैसी शिकायतें बंद होंगी। बैंक सर्च ऑनलाइन होने से लंबा इंतजार खत्म होगा। पक्षकार पुरानी रजिस्ट्री गुम होने पर भी आसानी से नई नकल ले सकेंगे।