ग्वालियर. शहरवासी इन दिनों खूंखार कुत्तों के आंतक से दहशत में हैं। दिन हो या रात, सुबह हो या शाम, कुत्तों का झुंड शहर की हर सडक़,गली-मोहल्ले व गलियों में दिखाई देगा। यह मौका पड़ते ही लोगों को काट रहे है। हालात का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि शनिवार को दो घंटे की तीन अस्पतालों की ओपीडी में 184 लोग डॉग बाइट के शिकार होकर रैबीज का इंजेक्शन लगवाने पहुंचे। इसमें जिला अस्पताल मुरार में 53, सिविल अस्पताल हजीरा में 53 और जेएएच में 76 है।
दरअसल यह नौबत इसलिए है कि निगम आवारा कुत्तों को पकडऩे और उनकी नसंबदी में सफल नहीं हो पा रहा है और आज तक आवारा कुत्तों के लिए कोई दूसरा एबीसी सेंटर (एनिमल बर्थ कंट्रोल) भी तैयार नहीं पाया है। जबकि बीते पांच सालों में 27566 नसंबदी पर 2,52,45,117 रुपए खर्च किए जा चुके है। तीन साल बाद फिर से निगम ने एक करोड़ का ठेका एनिमल केयर फाउंडेशन संस्था को दिया है जो कि एक गाड़ी की मदद से सिर्फ 15 से 20 और निगम अमला 5 से 10 सहित कुल 25 कुत्ते पकडकऱ बिरला नगर पुल के नीचे बने एबीसी सेंटर पर छोड़ रहे है। जहां उनकी नसबंदी की जा रही है। ऐसे में कुत्तों से बचने के लिए आम शहरवासियों को खुद ही सतर्क रहना पड़ेगा…क्योंकि जिम्मेदार कुत्तों के आतंक से मुक्त करने के लिए सजग नहीं है।
पशुपालन विभाग में 2020 की जनगणना के अनुसार निगम सीमा में करीब 7300 आवारा कुत्ते हैं। इसमें मेल 3624, फीमेल 3542 हंै। जबकि पुरानी छावनी में 515 कुत्ते हैं, इसमें मेल 250 व फीमेल 275 है। वहीं वर्तमान में शहर में 15000 से अधिक आवारा कुत्ते हैं जो हर दिन लोगों को काट रहे है।
शहर में कुत्तों की संख्या को कम करने के लिए निगम नसबंदी करवाता है। बीते पांच सालों में एनीमल फ्यूर एंड केयर,आरपी ङ्क्षसह मथूरा, एनिमल केयर फाउंडेशन, उपमन्यु कल्याण समिति, सिदांत सोसायटी फॉर एनिमल वेलफेयर संस्था पर 2.52 करोड़ रुपए खर्च किए है। इस राशि से 27566 नसंबदी हुई है। लेकिन उसके बाद भी कुत्तों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। निगम की नसंबदी के लिए करीब एक करोड़ में नया ठेका एनिमल केयर फाउंडेशन को दिया है। फर्म ने 4 से 12 अगस्त तक 161 कुत्तों की नसबंदी की है। एक नसंबदी पर 1170 रुपए दिए जा रहे है जो कि बीते पांच सालों में सबसे ज्यादा है। संस्था हर दिन 15 से 20 नसबंदी कर रही है और नौ दिन में 161 नसबंदी कर 1,88,370 रुपए कमा लिए है।
वर्ष------नसबंदी------दर------राशि
2021-22------10421------945------9847845
2022-23------8542------945------8072190
2023 मार्च------3300------860------2838000
2024-25------5142------836------4298712
2025 अगस्त------161------1170------188370
नोट : गड़बड़ी मिलने पर अप्रेल से 15 मार्च 2023 तक कुत्ते पकड़ने का कार्य नहीं हुआ था।
2020--------2676
2021--------4966
2022--------7082
2023--------7007
2024--------2५0६५
2025 अगस्त 10 तक 14602
(स्रोत: राष्ट्रीय रैबीज नियंत्रण कार्यक्रम के तहत एनएचएम द्वारा कराए गए सर्वे की रिपोर्ट।)
Published on:
17 Aug 2025 07:31 pm