पूर्व सरपंच ने खुद को जनसेवक व जन हितैषी बताकर अतिक्रमण को लेकर दायर की थी जनहित याचिका
ग्वालियर. हाईकोर्ट की युगल पीठ में पूर्व सरपंच ने पौधे लगाकर बुधवार को फोटो पेश किए। कोर्ट ने पौधरोपण के फोटो देखने के बाद कहा कि इसमें चंद पौधे ही दिख रहे हैं, 105 पौधे नहीं है। जनहितैषी नागरिक के रूप में अपनी पहचान चाहते हैं तो 105 पौधे लगाकर पूरा विवरण निसर्ग ऐप पर अपलोड करना होगा। पूर्व सरपंच को पूरे पौधे लगाने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है। याचिका की सुनवाई जस्टिस आनंद पाठक व जस्टिस हिरदेश की बेंच ने की।
दरअसल पूर्व सरपंच अम्रत सिंह ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। उसकी ओर से तर्क दिया कि पदमपुर खेरिया के पास नहर निकली है। इस नहर के पास से एक रास्ता निकला हुआ है, जिसे संकरा कर दिया। 2015 तक कुछ सर्वे नंबर सरकारी थे, उन सर्वे नंबर को 2015 के बाद निजी कर दिया गया। इसलिए इस मामले की जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। रास्ते पर जो अतिक्रमण हुआ है, उसे खुलवाया जाए। याचिकाकर्ता ने खुद को जनसेवक बताया। पूर्व सरपंच ने कहा कि मैं जनसेवक व जन हितैषी व्यक्ति हूं। सार्थक ढंग से लोगों की जनसेवा करना चाहता हूं। अपनी ईमानदारी दिखाने के लिए अलापुर पहाड़ी पर 100 पौधे रोपना चाहता हूं। उन पौधों की जबतक देखभाल करूंगा, जबतक बड़े नहीं हो जाते हैं। फरवरी 2025 में पौधे लगाने का आदेश दिया था, लेकिन गर्मी को ध्यान में रखते हुए पूर्व सरपंच ने बारिश तक का समय मांगा। मानसून आने पर अलापुर की पहाड़ी पर 105 पौधे रोपने का दावा किया। पौधरोपण के फोटो न्यायालय के समक्ष पेश किए, लेकिन कोर्ट ने 105 पौधे फोटो में नहीं दिखे ।
पौधों की देखभाल भी करनी होगी
-पूर्व सरपंच ने जो पौधे लगाए हैं, उनकी देखभाव की जिम्मेदारी भी उसकी रहेगी। इन पौधों की देखभाल जबतक करनी होगी, तबतक यह पेड़ का रूप न ले लें।
Published on:
16 Jul 2025 09:22 pm