
संगरिया (हनुमानगढ़)। व्हाट्सएप पर अनजान नंबरों से भेजे जाने वाले संदेशों में अब पहचान-दस्तावेज आधार कार्ड की तस्वीरें जोड़कर भावनात्मक अपील हो रही है ताकि लक्षित व्यक्ति पर भरोसा बनाकर तुरंत पैसे मंगवाए जा सकें। भेजा गया संदेश परीक्षा संबंधी तात्कालिक मदद की विनती करता है और अनुरोध के साथ पहचान-कार्ड की क्लियर इमेज अटैच की गई दिखाई देती है। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ व पुलिस के मुताबिक यह भावनात्मक कहानी, समय-सीमित दबाव और पहचान-दस्तावेज मिलाकर पीड़ित का भरोसा तोड़ते हैं और तत्काल पैसे ट्रांसफर करवा लेते हैं।
एक व्यक्ति को व्हाट्सएप पर अनजान नंबर से नोहर निवासी एक लड़की ने नमस्ते का संदेश भेजा। गलती से नंबर सेव होना लिखते हुए बोली आप मेरी मदद कर सकते हैं। संक्षेप में अपनी ‘परिस्थिति’ बताई कि ‘कल मेरा एग्ज़ाम है, मेरे पिता नहीं हैं, क्या आप एक हजार रुपये उधार दे सकते हैं, 10 दिन में वापस कर दूंगी।’ भरोसा बढ़ाने के लिए संदेश के साथ फोटो और आधार कार्ड या आईडी की क्लियर इमेज अटैच की और एनआईए एमटीएस परीक्षा प्रवेश-पत्र भेजा। वहीं, ‘बिजनेस अकाउंट’ व प्रोफाइल फोटो से पेशेवर होने का आभास कराया।
फ्रॉड का संदेह होने पर एनआईए जयपुर के प्रतिनिधि से बात की तो पता चला कि ऐसी परीक्षा नहीं है। एक वेकेंसी ऐड 14 अक्टूबर को कई पदों के लिए निकली है। अंतिम तिथि 5 दिसंबर है। 2024 की वेकेंसी के पेपर मार्च में हो चुके। बातचीत में आखिरकार लड़की ने एक मौका देने, विश्वास करने सहित टिकिट बुक करने को कह दिया।
साइबर सेल अधिकारी कहते हैं, ‘आधार या किसी पहचान-पत्र की तस्वीर होना यह प्रमाण नहीं कि वही व्यक्ति संदेश भेज रहा है। ये फोटो कहीं से भी ली या कॉपी की जा सकती हैं। ऐसे किसी अनुरोध पर तुरंत पैसे न भेजें और पहले फोन पर सत्यापन करें।’
तुरंत किया गया पैसा अक्सर वापस नहीं आता।
भेजी गई पहचान-फोटो का दुरुपयोग संभव है।
बैंक, यूपीआई या वर्चुअल खाता माध्यम से बड़ी ठगी हो सकती है।
क्या करें…तुरंत अपनाएं ये कदम
अनजान नंबर से मनी रिक्वेस्ट आने पर पैसे तुरंत न भेजें, पहले कॉल करके वेरिफाई करें।
अगर संदेश में रिश्तेदार/परिचित का नाम है तो फोन पर कॉल कर असली व्यक्ति से सत्यापित करें, सिर्फ व्हाट्सएप संदेश पर भरोसा मत कीजिए।
किसी को भी ओटीपी, यूपीआई पिन या बैंक डिटेल्स न दें।
संदिग्ध चैट के स्क्रीनशॉट लेकर उस नंबर को ब्लॉक एवं व्हाट्सपर पर ब्लॉक करें।
यदि पैसा भेज दिया गया हो तो तुरंत बैंक/यूपीआई सर्विस प्रदाता को सूचित कर रिवर्सल या ब्लॉक का प्रयास करें।
ठगी की स्थिति में नजदीकी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराएं और साइबर क्राइम पोर्टल या 1930 पर रिपोर्ट करें। चैट की स्क्रीनशॉट सुरक्षित रखें।
Published on:
29 Oct 2025 03:11 pm
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