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सावधान! कम उम्र में बड़ा खतरा, गुदा से खून बहना हो सकता है Colorectal Cancer का इशारा

Colorectal Cancer: आजकल ऐसी बीमारियां देखने को मिल रही हैं जो पहले केवल बुजुर्गों में दिखाई देती थीं, लेकिन अब ये युवाओं में भी पाई जा रही हैं। कोलोरेक्टल कैंसर, जिसे आम भाषा में मलाशय और बड़ी आंत का कैंसर कहा जाता है, उनमें से एक है।

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भारत

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MEGHA ROY

Oct 04, 2025

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Colorectal cancer symptoms in young adults|फोटो सोर्स – Freepik

Colorectal Cancer Risk: आजकल ऐसी बीमारियां देखने को मिल रही हैं जो पहले केवल बुजुर्गों में दिखाई देती थीं, लेकिन अब ये युवाओं में भी पाई जा रही हैं। कोलोरेक्टल कैंसर, जिसे आम भाषा में मलाशय और बड़ी आंत का कैंसर कहा जाता है, उनमें से एक है। हाल की एक रिसर्च में यह सच्चाई सामने आई है कि रेक्टम (मलद्वार) से खून आना कोई आम बात नहीं होती, खासकर 50 साल से कम उम्र के लोगों में। यह कोलोरेक्टल कैंसर का संकेत हो सकता है। आइए, इससे जुड़ी कुछ अहम जानकारियां जानते हैं।

स्टडी क्या कहती है?

यूनिवर्सिटी ऑफ लुइसविल हेल्थ द्वारा 2021 से 2023 के बीच की गई रिसर्च में 443 ऐसे मरीजों का मेडिकल डेटा विश्लेषण किया गया, जिनकी उम्र 50 साल से कम थी और जिन्होंने कोलोनोस्कोपी करवाई थी। चौंकाने वाली बात यह रही कि इनमें से लगभग आधे मरीजों को शुरुआती चरण का कोलोरेक्टल कैंसर था।

सबसे अहम बात यह रही कि रेक्टल ब्लीडिंग (गुदा से खून आना) उन लक्षणों में सबसे प्रमुख था, जिससे कैंसर की पहचान में मदद मिली। यह लक्षण कोलोरेक्टल कैंसर के खतरे को 850% तक बढ़ा देता है यानी खतरा 8.5 गुना ज्यादा

क्या हर रेक्टल दर्द पर घबराएं?

जरूरी नहीं। रिसर्च की सीनियर डॉ. सैंड्रा कवालुकस (कोलोरेक्टल सर्जन) के अनुसार, अगर कोई युवा केवल गुदा में दर्द की शिकायत लेकर आता है, तो जरूरी नहीं कि उसे कोलोनोस्कोपी की जरूरत हो। लेकिन अगर खून आ रहा है, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए चाहे व्यक्ति 30 साल का ही क्यों न हो।

क्यों जरूरी है जागरूकता?

एक हालिया अध्ययन के अनुसार, 88% मरीजों ने तब जांच करवाई जब उन्हें कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण महसूस हुए, जबकि कैंसर न होने वाले लोगों में केवल 55% ने ही लक्षणों के आधार पर जांच कराई। परिवार में कैंसर का इतिहास होने से जोखिम दोगुना हो सकता है, लेकिन यह अकेला कारण नहीं है। दिलचस्प बात यह है कि केवल 13% मामलों में ही जेनेटिक कारण पाए गए, यानी ज़्यादातर मरीजों में कैंसर का कोई पारिवारिक इतिहास नहीं था।

लक्षण दिखें तो तुरंत कोलोनोस्कोपी कराएं

अमेरिका समेत कई देशों में कोलोरेक्टल स्क्रीनिंग की सिफारिश 45 की उम्र के बाद ही की जाती है, वो भी तब जब कोई पारिवारिक इतिहास हो। लेकिन बढ़ते मामलों को देखते हुए एक्सपर्ट्स मानते हैं कि अगर किसी युवा को गुदा से खून आने की शिकायत है, तो उसे जल्द से जल्द कोलोनोस्कोपी करवाई जानी चाहिए, भले ही उसकी उम्र स्क्रीनिंग की तय सीमा से कम हो।


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