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Cough Syrup Safety Tips: कफ सिरप खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखें, माता-पिता जरूर जानें ये गाइडलाइन

Cough Syrup Safety Tips: कफ सिरप लेने से पहले इन 7 सावधानियों को जानना बेहद जरूरी है। उम्र, सामग्री, डॉक्टर की सलाह और खांसी के प्रकार के अनुसार सही दवा का चुनाव करें और बच्चों को सुरक्षित रखें।

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भारत

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Dimple Yadav

Oct 08, 2025

Cough Syrup Safety Tips

Cough Syrup Safety Tips (photo- gemini ai)

Cough Syrup Safety Tips: बदलते मौसम में बच्चों को अक्सर खांसी, जुकाम और फ्लू जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे समय पर माता-पिता बच्चों को आराम पहुंचाने के लिए कफ सिरप देते हैं। लेकिन हाल ही में राजस्थान और मध्यप्रदेश में कुछ कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौतों की खबरें सामने आई हैं। इसके बाद पेरेंट्स में चिंता बढ़ गई है। केंद्र सरकार ने कई कफ सिरप पर रोक लगाते हुए एडवाइजरी जारी की है। ऐसे में आपको भी कफ सिरप खरीदतें समय इन 7 बातों का ध्यान रखना चाहिए।

उम्र के अनुसार सही सिरप चुनें

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की एडवाइजरी के अनुसार, दो साल से कम उम्र के बच्चों को किसी भी तरह का कफ सिरप नहीं देना चाहिए। 2–5 साल की उम्र के बच्चों में केवल डॉक्टर की सलाह से ही कफ सिरप दिया जा सकता है। 5 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों और वयस्कों में सुरक्षित कफ सिरप के विकल्प उपलब्ध हैं।

कफ सिरप में मौजूद सामग्री जांचें

कफ सिरप खरीदते समय डेक्सट्रोमेथोर्फन, फिनाइलफ्राइन हाइड्रोक्लोराइड, कोडीन जैसी सामग्री की जानकारी अवश्य देखें। यह विशेष रूप से बच्चों में खतरनाक हो सकती है। कई सिरप में ये तत्व कॉम्बिनेशन के रूप में होते हैं, जो दिल, किडनी और दिमाग पर असर डाल सकते हैं।

डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है

स्वस्थ बच्चों में आम खांसी 5–7 दिन में अपने आप ठीक हो सकती है। लेकिन अगर खांसी लगातार बढ़ रही हो या उसके साथ बुखार, सांस लेने में कठिनाई, या थकान जैसे लक्षण हों, तो बिना डॉक्टर की सलाह कफ सिरप न दें। विशेषज्ञ की सलाह से ही सही डोज और दवा का चयन करें।

लाइसेंस और निर्माता की जांच करें

कफ सिरप खरीदते समय ड्रग लाइसेंस, निर्माता का नाम और एफडीए, सेंट्रल ड्रग कंट्रोलर की स्वीकृति जांच लें। किसी भी अनसर्टिफाइड या शॉप से बिना लेबल की दवा न खरीदें।

खांसी का प्रकार समझें

खांसी दो तरह की होती है, सूखी खांसी और गीली खांसी। दोनों के लिए अलग-अलग दवाएं होती हैं। सूखी खांसी में एक्सपेक्टोरेंट की जगह कफ सप्रेसेंट और गीली खांसी में म्यूकोलिटिक दवाओं का उपयोग किया जाता है।

साइड इफेक्ट्स पर ध्यान दें

कफ सिरप लेने के बाद बच्चों में कभी-कभी उल्टी, पेट दर्द, दस्त या एलर्जी हो सकती है। गंभीर मामलों में किडनी या ब्रेन इफेक्ट भी हो सकता है। ऐसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

मात्रा और समय का ध्यान रखें

निर्देशित मात्रा से ज्यादा कफ सिरप न दें। बच्चों और बड़ों में डोज अलग होती है। लेबल पर लिखी दैनिक खुराक और अंतराल का पालन करना अनिवार्य है।