Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Eyelash Health Signs: पलकें झड़ने लगी हैं? सावधान! इन 4 छुपी बीमारियों का हो सकता है संकेत

Eyelash Health Signs: पलकें सिर्फ खूबसूरती नहीं, आपकी सेहत के छिपे संकेत देती हैं। पोषण की कमी, थायरॉइड, ऑटोइम्यून बीमारियां और इंफेक्शन, जानें पलकें क्या बताती हैं।

2 min read
Google source verification

भारत

image

Dimple Yadav

Nov 27, 2025

Eyelash Health Signs

Eyelash Health Signs (Photo- freepik)

Eyelash Health Signs: हम में से ज्यादातर लोग पलकें यानी आईलैशेज को सिर्फ एक ब्यूटी फीचर मानते हैं, लेकिन सच यह है कि ये आपकी आंखों की सुरक्षा करती हैं और आपके शरीर की सेहत के बारे में कई छुपे हुए संकेत भी दे सकती हैं। अगर पलकें पतली होने लगें, अचानक झड़ने लगें, छोटी दिखने लगें या कमजोर महसूस हों, तो यह शरीर में चल रही किसी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। क्योंकि पलकें स्कैल्प वाले बालों की तुलना में ज्यादा धीरे बढ़ती हैं, इसलिए इन पर होने वाला बदलाव भी जल्दी नजर आ जाता है।

अगर आप समय रहते अपनी पलकें और आंखों में आने वाले छोटे बदलावों पर ध्यान दें, तो कई हेल्थ प्रॉब्लम्स को पहले ही पकड़ सकते हैं। इसी वजह से पलकें नियमित रूप से जांचना और साफ-सफाई का ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है।

पोषण की कमी और खराब डाइट (Nutritional deficiency and poor diet)

अगर आपकी पलकें पतली, कमजोर या जल्दी टूटने लगती हैं, तो यह आपकी डाइट में कमी का संकेत हो सकता है। बायोटिन, आयरन, जिंक, विटामिन D, प्रोटीन और ओमेगा-3 जैसे पोषक तत्व बालों की ग्रोथ के लिए जरूरी होते हैं। इनकी कमी से पलकें कमजोर होकर झड़ने लगती हैं। अगर आप ठीक से पानी नहीं पीते, प्रोटीन कम लेते हैं, या आपकी डाइट में न्यूट्रिशन की कमी है, तो पलकें इसका असर सबसे पहले दिखाती हैं। इसलिए संतुलित भोजन लेना और जरूरी विटामिन्स शामिल करना बहुत जरूरी है।

थायरॉइड और हार्मोनल गड़बड़ी (Thyroid and hormonal disorders)

जर्नल ऑफ क्लिनिकल एंड ट्रांसलेशनल एंडोक्रिनोलॉजी में प्रकाशित 2024 की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि अनियंत्रित हाइपोथायरायडिज्म से पलकों की महत्वपूर्ण हानि हो सकती है। पलकें अचानक पतली होने लगें या किनारों से झड़ने लगें, तो इसका कारण थायरॉइड हो सकता है। हाइपोथायरॉयडिज्म (थायरॉइड कम काम करना) में पलकें खासकर बाहरी किनारों से झड़ने लगती हैं। हाइपोथायरॉयडिज्म में पलकें कमजोर और भंगुर हो जाती हैं। अगर इसके साथ थकान, वजन बढ़ना-घटना, मूड बदलना, बालों का झड़ना या त्वचा में बदलाव हो, तो डॉक्टर से थायरॉइड टेस्ट कराना जरूरी है। सही इलाज से पलकें दोबारा उगने लगती हैं।

ऑटोइम्यून बीमारी या ज्यादा तनाव

जर्नल ऑफ डर्मेटोलॉजी एंड क्लिनिकल रिसर्च में प्रकाशित 2022 की क्लिनिकल समीक्षा में पाया गया कि अगर अचानक पैचेज में पलकें झड़ने लगें, तो यह Alopecia Areata जैसी ऑटोइम्यून बीमारी का संकेत हो सकता है। इस स्थिति में शरीर गलती से अपने ही बालों की जड़ों पर हमला करता है। लंबे समय तक तनाव, एक्ज़िमा, स्किन इंफेक्शन या हार्मोनल गड़बड़ियां भी पलकें झड़ने का कारण बनती हैं। अचानक बदलाव कभी भी सामान्य नहीं होता, इसलिए त्वचा विशेषज्ञ से सलाह जरूरी है।

पलक की सूजन और संक्रमण

अगर आपकी पलकें झड़ने के साथ लालिमा, जलन, सूजन या खुजली दिखा रही हैं तो यह Blepharitis या Demodex mites का इंफेक्शन हो सकता है। इससे पलकें कमजोर होती हैं, अनियमित रूप से बढ़ती हैं या जड़ों पर पपड़ी बन जाती है। अच्छी पलक सफाई और हल्के उत्पादों का उपयोग इसमें बहुत मदद करता है।

पलकें हेल्दी रखने के आसान उपाय (Easy ways to keep eyelashes healthy)

प्रोटीन, आयरन, बायोटिन और ओमेगा-3 से भरपूर आहार लें। भरपूर पानी पिएं। मेकअप को धीरे से हटाएं, आंखों को ज्यादा न रगड़ें। बार-बार आईलैश एक्सटेंशन, कर्लर या भारी मेकअप से बचें। रोज अपनी पलकों और पलक लाइन को साफ रखें। अगर पलकें अचानक झड़ने लगें, लाल हों, सूजी हों, या इसके साथ शरीर में अन्य लक्षण दिखें, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। पलकें न सिर्फ सुंदरता बढ़ाती हैं, बल्कि आपकी सेहत की कहानी भी बताती हैं।