Juice For Healthy Heart: स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याएं आजकल देखने को मिल रही हैं, जैसे दिल की बीमारियों के मामले ही देख लीजिए, जो तेजी से बढ़ रहे हैं। चाहे बुजुर्ग हों या युवा, हार्ट अटैक, कार्डियक अरेस्ट जैसी समस्याएं देखने को मिल रही हैं। इसके एक बड़ी वजह उनमें दिल, खानपान और खराब दिनचर्या हो सकती है। जब हम बैलेंस्ड डाइट नहीं लेते और एक हेल्दी लाइफस्टाइल भी नहीं अपनाते, तो हर बीमारी का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।
वहीं दिल हमारे शरीर का वह हिस्सा है जो हर हिस्से तक ब्लड पहुंचाने का काम करता है, लेकिन अगर यह सही से काम न करे तो कई गंभीर बीमारियों की समस्या पैदा हो सकती है। इसमें जरूरी है अपनी डाइट में कुछ ऐसे आहार को शामिल करना जो दिल के स्वास्थ्य के लिए बेहतर हों। यहां हम कुछ ऐसे फ्रूट्स के जूस के बारे में बता रहे हैं, जिसका सेवन वाकई सेहत के लिए असरदार हो सकता है।
अनार के जूस में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C के गुण होते हैं जो ब्लड फ्लो सुधारते हैं और धमनियों को लचीला रखते हैं, जिससे हार्ट हेल्दी रहता है।
रोजाना दोपहर एक सेब खाने के कई फायदे हैं। इसमें सॉल्यूबल फाइबर LDL कम करता है और पोटैशियम ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखता है। नियमित सेवन से हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा घटता है।
विटामिन C, A और E इम्युनिटी बढ़ाते हैं और कोलेस्ट्रॉल लेवल कंट्रोल करते हैं। इसमें मौजूद पोटैशियम दिल पर दबाव कम करता है।
यह जूस शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट और एंथोसायनिन ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखते हैं और सूजन कम करते हैं। साथ ही धमनियों की फ्लेक्सिबिलिटी बनाए रखते हैं।
कीवी में विटामिन C, K और पोटैशियम के गुण पाए जाते हैं, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखते हैं और ब्लड क्लॉट रोकते हैं, जिससे दिल सुरक्षित रहता है।
इसमें मौजूद फाइबर और फ्लेवोनॉइड्स कोलेस्ट्रॉल घटाते हैं और ब्लड फ्लो सुधारते हैं। हार्ट डिजीज के खतरे को कम करते हैं।
विटामिन C और पोटैशियम ब्लड प्रेशर को कम करते हैं और हार्ट की वर्किंग प्रोसेस को बेहतर रखते हैं।
रेसवेराट्रॉल ब्लड फ्लो स्मूथ रखता है और हार्ट डिजीज की संभावना घटाता है, खासकर लाल और बैंगनी अंगूर का जूस।
एंटीऑक्सीडेंट धमनियों में प्लाक जमने से रोकते हैं और ब्लड वेसल को हेल्दी रखते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
11 Aug 2025 09:14 am