जो दुख में काम आए वही भगवान का स्वरूप
श्रावण मास के पावन अवसर पर बाबा रामदेव मरूधर सेवा संघ हुब्बल्ली की मेजबानी में आयोजित शिवमहापुराण कथा में कथावाचिका ने अपने भावपूर्ण प्रवचन से श्रद्धालुओं के मन को छू लिया। उन्होंने कहा, यदि किसी का भला नहीं कर सकते, तो किसी का बुरा भी मत करो। जो हमारे वश में नहीं है, उसके बारे में सोचना ही नहीं चाहिए। कथावाचिका सुभद्रा कृष्ण ने कहा, दुख की अनुभूति वही कर सकता है, जिसके हृदय में दुख है। हर किसी के जीवन में दुख आता है। सुख में कोई भगवान को याद नहीं करता, पर दुख में सब करते हैं। आपके दुख में जो काम आएगा, वही भगवान का स्वरूप है। भगवान स्वयं नहीं आते, लेकिन किसी न किसी रूप में आ जाते हैं।
आचरण व व्यवहार व्यक्ति को बनाते हैं बड़ा
हुब्बल्ली (कर्नाटक) के गब्बूर गली स्थित रामदेव मंदिर परिसर में शिवमहापुराण का श्रवण कराते हुए कथावाचिका ने श्रद्धालुओं से कहा, यदि कहीं सुरक्षित जगह महसूस होती है, तो वही सबसे सुरक्षित स्थान है। हृदय में भाव और भक्ति हो तो कथा अवश्य करवाइए। यह स्थान, यह यादें जीवनभर साथ रहेंगी। उन्होंने श्रोताओं से कहा, मंदिर जाओ, कथा में जाओ तो कोई एक बुराई त्याग दो। भगवान बनने के लिए त्याग करना पड़ता है। हृदय में समर्पण और त्याग होगा, तभी वह प्राप्त होगा। कर्म, गुण, आचरण और व्यवहार से ही इंसान बड़ा बनता है।
राधे-राधे जपै चलो….
कथा के बीच में भजनों की प्रस्तुति देते हुए भावपूर्ण स्वर में कथावाचिका ने कहा, तुम न सुनोगे तो कौन सुनेगा राधे-राधे जपै चलो आएंगे बिहारी….। उन्होंने जीवन के गूढ़ संदेश पर प्रकाश डालते हुए कहा, किसी को अपना दुख मत बताओ, क्योंकि लोग दुख में रो-रो कर पूछते हैं और हंस-हंस कर बताते हैं। दुखों का निवारण कोई नहीं कर सकता, बस हरि के पास बैठो। वही तुम्हारे दुख हर लेगा। कथावाचिका ने स्त्रियों के सम्मान की बात करते हुए कहा, स्त्रियों के साथ सदियों से क्रूरता हुई है। बेटियां बोझ नहीं होतीं, वे माता-पिता के हृदय में बसती हैं। बहू को भी बेटी की तरह रहने दो। प्यार से समझाओ, सब समझ जाएंगे। प्रेम की भाषा तो पशु भी समझते हैं।
कई गणमान्य लोग थे उपस्थित
बाबा रामदेव मरूधर सेवा संघ हुब्बल्ली के सचिव एवं कथा के चेयरमैन मालाराम देवासी बिठूजा ने बताया कि शिवमहापुराण कथा रोजाना दोपहर 3 से सायं 6 बजे तक आयोजित की जा रही है। कथा में शहर के विभिन्न इलाकों से महिला, पुरुष एवं बच्चे पहुंच रहे हैं। कथावाचिका सरल भाषा में कथा का सार बता रही हैं। देवासी ने बताया कि गुरुवार को कथा में विनयकुमार अग्रवाल, गणेशराम चौध्ररी, रामसिंह राजपुरोहित, वेलाराम घांची, रामरतन चौधरी, बस्तीमल दर्जी, जेठाराम श्रीमाली, सोहनलाल खत्री, चैनाराम चौधरी, नाथूसिंह राजपुरोहित, जालमसिंह देवड़ा, धर्मेन्द्र भाई माली समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
Published on:
24 Jul 2025 06:41 pm