
Retired GM duped Rs 1.39 crore
MP News: साइबर सेल ने ग्रासिम इंडस्ट्रीज मुंबई के रिटायर्ड जनरल मैनेजर से करीब 1.39 करोड़ की ठगी करने वाले यूपी के 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।लखनऊ की जेल में बंद इन आरोपियों को वारंट पर साइबर सेल इंदौर लाई है। गिरफ्तार आरोपियों में सिविल इंजीनियर, साइबर लॉ में पीजी कर रहे स्टूडेंट के साथ अन्य उच्च शिक्षित युवक हैं। आरोपी टेलीग्राम ग्रुप के जरिए चीनी ठगों से जुड़े थे। ठगी की राशि जमा कराने के लिए कैब ड्राइवर का बैंक खाता 10 हजार रुपए प्रतिदिन के किराए पर लिया था। ठगी का करीब 50% खुद रखा और शेष राशि क्रिप्टो के रूप में चीनी ठगों तक पहुंचाई। इंदौर निवासी रिटायर्ड जीएम की शिकायत पर साइबर सेल ने जांच शुरू की थी। एसपी सव्यसांची सराफ ने बताया, रिटायर्ड जीएम फेसबुक पर ट्रेडिंग के विज्ञापन की लिंक देख आरोपियों के वाट्सऐप ग्रुप से जुड़ गए थे ।
आरोपी दिवाकर बीसीए, विनोद कुमार बीबीए, कृष शुक्ला बीएससी के बाद एलएलबी, सक्षम तिवारी सीएस, सत्यम तिवारी सायबर लॉ में पीजी डिप्लोमा की पढ़ाई कर रहा है। मो. शाद ने बीटेक सिविल इंजीनियरिंग की है, जबकि लईक अहमद सिविल डिप्लोमा की पढ़ाई बीच में छोड़कर कंस्ट्रक्शन का काम करता है। आरोपियों ने दो महीने में चीनी ठगों को करीब 75 लाख की क्रिप्टो करंसी ट्रांसफर की। आरोपियों के पास से यूपी पुलिस को 4 लग्जरी कारें, 16 मोबाइल, कई चेक बुक और खाते मिले थे।
पुलिस जांच में पता चला कि आरोपी यूपी के हैं और ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में लखनऊ जेल में बंद हैं। साइबर सेल की टीम ने जेल से सत्यम तिवारी नाथ निवासी लखनऊ, सक्षम तिवारी निवासी रायबरेली, मोहम्मद शाद निवासी बाराबंकी, मनीष जायसवाल निवासी लखनऊ, कृष शुक्ला लखनऊ, विनोद कुमार निवासी गौंडा, लईक अहमद निवासी गौंडा और दिवाकर विक्रमसिंह निवासी बस्ती यूपी को वारंट पर लाकर पूछताछ की।
ठगों ने फरियादी को 490% लाभ का झांसा देकर इंस्टीट्यूशनल स्टॉक, ओटीसी ट्रेड, आइपीओ और ब्लॉक ट्रेडिंग के नाम पर एक महीने में 1.39 करोड़ रुपए हासिल किए। पुलिस टीम ने कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के बंधन बैंक के खाता धारक विजय शंकर द्विवेदी निवासी पुणे को पकड़ा था। वह कैब धारक है। कुछ लोगों ने उससे संपर्क कर बैंक में करंट खाता खुलवाया था। एक दिन का 10 हजार रुपए किराया देने का वादा कर चेक बुक व एटीएम अपने पास रख लिया। जांच में पता चला कि धोखाधड़ी की राशि 10 खातों में गई थी। एक खाता विजय शंकर का था। ठगी के बाद आरोपियों की एक टीम धोखाधड़ी की राशि खाते से चेक द्वारा निकालती थी तो दूसरी एटीएम से नकद। करीब 50% राशि आपस में बांटकर शेष राशि चाइनीज ठगों को यूएसडीटी/क्रिप्टो में कन्वर्ट कर ट्रांसफर कर देते थे।
Published on:
28 Sept 2025 12:53 pm
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