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SIR: 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं नाम, अधिकारी बोले- कर लें ये जरूरी काम, नहीं कटेगा नाम

SIR: घर-घर पहुंचकर फॉर्म भरवा रहे हैं BLO, हजारों लोग ऐसे 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं हैं जिनके नाम...अधिकारियों ने कहा घबराएं नहीं, कर लें ये जरूरी काम...

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SIR: 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं मिल रहे हजारों लोगों के नाम। (फोटो: सोशल मीडिया)

SIR: मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान के चलते इन दिनों शहर में मतदाताओं की भारी उलझन देखने को मिल रही है। बीएलओ घर-घर पहुंचकर जो फॉर्म भरवा रहे हैं, उसमें नागरिकों को वर्तमान जानकारी के साथ 2003 की मतदाता सूची का विवरण भी भरना है, लेकिन हजारों लोगों को 2003 की सूची में अपना नाम ही नहीं मिल रहा है। स्थिति यह है कि लोग बूथ, जोन और तहसील कार्यालयों के चक्कर लगाकर पुराने रिकॉर्ड खोज रहे हैं और उन्हें आशंका है कि कहीं उनका नाम मौजूदा मतदाता सूची से ही न कट जाए।

20 साल पुराने रिकॉर्ड ढूंढ़ना मुश्किल

मतदाताओं का कहना है कि 20 साल पुराने रिकॉर्ड ढूंढना मुश्किल है। नाम नहीं मिलने से उनके बच्चे जो 2003 की सूची में नहीं थे, वे भी फॉर्म नहीं भर पा रहे हैं क्योंकि उन्हें अपने परिवार के किसी सदस्य की जानकारी उसमें भरना है। इसी चिंता में लोग लगातार सरकारी कार्यालयों में पहुंच रहे हैं, जबकि अधिकारी यह स्पष्ट कर रहे हैं कि 2003 की सूची में नाम न मिलना कोई समस्या नहीं है।

मतदाता घबराएं नहीं कर लें ये जरूरी काम

एक और समस्या यह सामने आ रही है कि निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर संबंधित क्षेत्र की जानकारी तो दिख जाती है, लेकिन बूथ नंबर प्रदर्शित नहीं हो रहा। इस कारण कई लोग फॉर्म में सही बूथ नंबर भरने को लेकर असमंजस में हैं। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि मतदाताओं को इस स्थिति में घबराने की जरूरत नहीं है। मतदाता फॉर्म में लिख दें कि ‘2003 की सूची में नाम नहीं है’। यह टिप्पणी फॉर्म पर स्वीकार्य है। इससे आवेदन खारिज नहीं होगा।

विधानसभा-1 के खालसा कॉलेज का औचक निरीक्षण किया

इंदौर. जिले में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण का जायजा लेने के लिए कलेक्टर शिवम वर्मा ने बुधवार को विधानसभा-1 के खालसा कॉलेज का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान कलेक्टर ने बीएलओ और सुपरवाइजरों से मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य की स्थिति जानी। उन्होंने मौके पर मौजूद रजिस्ट्रीकरण अधिकारी और सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि पुनरीक्षण कार्य के दौरान आने वाली हर समस्या का तुरंत और प्रभावी समाधान किया जाए। किसी भी स्तर पर देरी या लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने एसआइआर प्रक्रिया के दौरान सभी फॉर्म और डेटा के शत-प्रतिशत डिजिटाइजेशन को तय समयसीमा में पूरा करने के स्पष्ट निर्देश दिए।

अभी किसी भी तरह के दस्तावेज देने की जरूरत नहीं

उप जिला निर्वाचन अधिकारी पंवार नवजीवन विजय ने बताया, पुनरीक्षण के पहले चरण में दस्तावेज नहीं लिए जाएंगे। पुनरीक्षण के बाद दावे-आपत्तियों का दौर शुरू होगा तब इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर की ओर से नोटिस भेजकर दस्तावेज मांगे जाएंगे। तब मतदाता पहचान व निवास संबंधी प्रमाण पत्र जमा करवा सकेंगे।

बीएलओ और सरकारी कर्मचारी सुबह से फील्ड में

जिले में कुल 28.67 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। सभी 9 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 2625 मतदान केंद्रों पर बीएलओ लगातार घर-घर फॉर्म बांट रहे हैं और जानकारी जुटा रहे हैं। जिले का लगभग पूरा प्रशासनिक अमला इस अभियान में तैनात है। अब तक करीब 3 लाख फॉर्म का डिजिटलीकरण किया जा चुका है।