electricity line : शहर में अंधांधुध बसाहट हो रही है। लोग ट्रांमिशन लाइन के नीचे अवैध रूप से आवासीय परिसर का निर्माण कर रहे हैं। इससे विद्युत सुरक्षा मानकों की अनदेखी के साथ हादसे हो रहे हैं। बिजली कंपनी ने सर्वे में जबलपुर में ऐसे 500 निर्माणों को चिन्हित किया है। सर्वे में यह पाया गया कि ट्रांमिशन लाइन के 17 मीटर के भीतर करीब 70 फीसदी मकान मौजूद हैं, जिनमें 30 फीसदी अति खतरनाक स्थिति में हैं। बिजली कंपनी ने कहा है कि इस तरह के निर्माण बिजली लाइनों के नजदीक होने के कारण खतरनाक हैं। बारिश के दौरान करंट लगने की घटना भी बढ़ जाती है।
छह माह पहले कंचनपुर के पास निर्माणधीन मकान में मजदूर काम कर रही थी। दूसरी मंजिल पर लोहे की रॉड लाइन के टच में आ जाने के कारण मजदूर करंट लगने से घायल हो गया था।
दो माह पहले करमेता शंकर नगर में बहुमंजिला मकान में बल्ली हाईटेंशन लाइन से टकरा गई थी। इससे मजदूर को पैर में चोट आई थी।
डेढ माह पहले जसूजा सिटी में डम्पर रेत को अनलोड कर था। डम्पर खाली कराने के दौरान उसका एक हिस्सा बिजली की लाइन से टच हो गया था।
न्यू शास्त्री नगर, राम नगर, नई बस्ती, पोलीपाथर ,धनवंतरी नगर,जसूजा सिटी एरिया, करमेता, शंकर नगर, छुई खदान, अधारताल, नर्मदा नगर,अमखेरा, गोहलपुर।
ट्रांसमिशन कंपनी अवैध निर्माण पर सख्ती करेगी। जिला एवं निगम प्रशासन के साथ मिलकर संयुक्त रूप से कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी बढ़ाने की तैयारी है।
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण की गाइडलाइन्स के अनुसार 132 के.व्ही. क्षमता की ट्रांसमिशन लाइनों के 27 मीटर कॉरीडोर की सुरक्षित दूरी में कोई निर्माण नहीं किया जाना चाहिए।
electricity line : ट्रांसमिशन लाइन के नीचे लगातार निर्माण कार्य चल रहे हैं। जिससे लोगों के लिए भी खतरा बना हुआ है। प्रशासन को पत्र लिखकर ऐसे निर्माणों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी।
Updated on:
20 Aug 2025 04:20 pm
Published on:
20 Aug 2025 03:55 pm