defense park : रक्षा उत्पादन में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर और पार्क बनाने की दिशा में तेजी से काम होगा। जबलपुर इसमें अग्रणी भूमिका निभा सकता है। पहले से यहां आयुध निर्माणियों के साथ ही डिफेंस एंसेलरीज चल रही हैं। 22 अगस्त को भोपाल में रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ जबलपुर में डिफेंस प्रोडक्ट बनाने वाले वेंडर की चर्चा होनी हैं। इसमें केंद्र सरकार के रक्षा क्षेत्र में आने वाले प्रोजेक्ट पर चर्चा की जाएगी।
मध्यप्रदेश इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट कारपोरेशन (एमपीआइडीसी) जबलपुर में डिफेंस पार्क की स्थापना के लिए जोर लगा रहा है। इसके लिए 400 से 500 एकड़ भूमि की जरूरत होगी। जबलपुर से एक प्रतिनिधिमंडल कुछ समय पहले भी दिल्ली में इस सिलसिले में रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों से मिल चुका है। बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली से रक्षा मंत्रालय में संयुक्त सचिव (लैंड सिस्टम) डॉ. गरिमा भगत भोपाल आएंगी। जबलपुर से 30 वेंडर इस बैठक में शामिल हो रहे हैं।
जबलपुर में चार आयुध निर्माणियां हैं। इनमें तीनों सेनाओं के लिए हथियारों का उत्पादन किया जाता है। इन हथियारों को तैयार करने में हजारों प्रकार के कलपुर्जें लगते हैं। इनमें कुछ आइटम निर्माणियां खुद तैयार करती हैं। वहीं ज्यादातर को दूसरी जगहों से क्रय किया जाता है। इनकी इकाइयां लगी हुई हैैं। जबलपुर में रिछाई और अधारताल में डिफेंस एंसेलरीज में यही काम होता है। इन्हें सबसे ज्यादा वर्कलोड वीकल फैक्ट्री से मिलता था। उस समय शक्तिमान सैन्य वाहन बनता था। बाद में एलपीटीए और स्टालियन वाहन बनने लगे। इनकी संख्या प्रतिवर्ष 4 से 5 हजार तक होती थी।
defense park : रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ भोपाल में बैठक हो रही है। इसमें डिफेंस पार्क और कॉरिडोर के अलावा केंद्र सरकार के भावी प्रोजेक्ट पर चर्चा होगी। जबलपुर से डिफेंस के क्षेत्र में काम करने वाले वेंडर शामिल हो रहे हैं। हमारा प्रयास है कि डिफेंस पार्क के लिए जबलपुर का चयन हो। अधिकारियों के सामने पुन: अपनी बात रखेंञे।
Updated on:
20 Aug 2025 04:36 pm
Published on:
20 Aug 2025 04:35 pm