
Supreme Court Guidelines on Reservation in Promotions Not Implemented in MP- फाइल फोटो पत्रिका
MP Highcourt- मध्यप्रदेश में प्रमोशन में आरक्षण को लेकर सपाक्स ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें मध्यप्रदेश सरकार की नई प्रमोशन पाॅलिसी को चुनौती दी गई है। शुक्रवार को याचिका पर फिर सुनवाई हुई। कोर्ट में सपाक्स ने अपना पक्ष रखा। उसके अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट के सीनियर वकील नरेश कौशिक ने हाईकोर्ट को बताया कि प्रमोशन में आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस पर अमल नहीं किया जा रहा है। बिना समुचित आंकड़ों के ही प्रमोशन पॉलिसी लागू की जा रही है। कोर्ट में गुरुवार को भी इस केस पर बहस हुई थी। याचिका पर अब दिसंबर में सुनवाई होगी।
मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ ने गुरुवार को मामले की सुनवाई की थी। इस दौरान युगलपीठ के समक्ष सुप्रीम कोर्ट के संबंधित न्याय दृष्टांत रखे गए। शु्क्रवार को मामले पर बहस हुई। सपाक्स के अधिवक्ता ने दोनों दिनों की बहस में हाईकोर्ट को सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइंस से अवगत कराया।
जरनैल सिंह के प्रकरण का जिक्र करते हुए अधिवक्ता ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने एम नागराज केस के निर्णय का पुनर्मूल्यांकन किया था। इसमें स्पष्ट किया गया था कि आरक्षण का लाभ तय करने के लिए उच्च पदस्थ अधिकारियों का डेटा जरूरी है। क्रीमीलेयर के वास्तविक आंकड़ों के बिना पिछड़े वर्ग के उचित प्रतिनिधित्व का निर्धारण करना कठिन है। अधिवक्ता ने तर्क दिया कि प्रमोशन में आरक्षण देने से पहले सरकार को यह साबित करना होगा कि संबंधित वर्गों का प्रतिनिधित्व कम है।
Published on:
21 Nov 2025 08:15 pm
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