
आदिवासी युवा बनेंगे प्रसंस्करण के जानकार (photo source- Patrika)
Bastar Development: बस्तर में सालों तक चरम पर रहे नक्सलवाद की विदाई का दौर जारी है। नक्सलवाद के ढलते दौर के बीच ब्रांड बस्तर के उदय की तैयारी हो चुकी है। पहले जहां जिला मुख्यालय और सुरिक्षत क्षेत्रों तक इस पर काम हो रहा था तो वहीं अब अंदरूनी इलाकों में स्थापित वनोपज प्रसंस्करण केंद्रों को दोबारा शुरू किया जाएगा। नए केंद्र भी शुरू किए जाएंगे।
बदलते बस्तर में युवाओं का पलायन रोकना और यहां पर रोजगार के अवसर तैयार करना सरकार का लक्ष्य है। इस मुहिम के तहत बस्तर के आदिवासी युवाओं को प्रसंस्करण का जानकार बनाया जाएगा। इसके लिए अलग-अलग विभागों की संयुक्त टीम गांव-गांव पहुंचकर सर्वे कर रही है, ताकि स्थानीय जरूरत और संसाधनों के आधार पर रोजगार के अवसर विकसित किए जा सकें। मुख्य वन संरक्षक के मुताबिक बस्तर में करोड़ों रुपए की आधुनिक मशीन के साथ काजू, इमली, साल रेली कोसा और महुआ उत्पाद का प्रसंस्करण किया जाएगा।
आलोक कुमार तिवारी, सीसीएफ, बस्तर: बस्तर में लंबे समय बाद शांति का माहौल तैयार हो रहा है। इस बीच वन विभाग विकास की नई राह खोलने का प्रयास कर रहा है। आने वाले दिनों में बस्तर के दर्जनों प्रसंस्करण केन्द्र दोबारा काम करते नजर आएंगे, इससे हजारों लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजग़ार मिलने की उम्मीद है। केंद्रों के शुरू होने से युवाओं का पलायन रुकेगा। युवाओं का भटकाव रुकेगा जब उनके पास रोजगार होगा तो वे अपने परिवार के साथ बस्तर की समृद्धि में सहभागी बनेंगे। हम एक बड़े प्रोजेक्ट के साथ आगे बढ़ रहे हैं। भविष्य में इसके सार्थक परिणाम सामने आएंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट को हम ग्रामीणों को भी समझा रहे हैं।
Bastar Development: पुराने केन्द्रों को दोबारा शुरू करने के साथ आदिवासी युवा और स्व. सहायता समूहों को आधुनिक मशीनें, प्रशिक्षण, पैकेजिंग-मार्केटिंग सहित कार्य कौशल सिखाया जाएगा और सरकार की विभिन्न योजनाओं से वित्तीय सहयोग दिया जाएगा। वन विभाग के सीसीएफ ने बताया कि वनोपज आधारित आजीविका बस्तर का मजबूत आधार है और अब इसका विस्तार कर आदिवासियों की आर्थिक स्थिति को सुधारने का मौका मिलेगा।
Published on:
25 Nov 2025 01:35 pm
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