
9 दिसंबर को बस्तर बंद (photo source- Patrika)
Bastar Bandh: जगदलपुर और कांकेर ज़िलों के चारामा में न्यायिक हिरासत में आदिवासी नेता जीवन ठाकुर की मौत पर विवाद बढ़ गया है। सर्व आदिवासी समाज ने इसे राजनीतिक हत्या बताया है और इसके विरोध में 9 दिसंबर को बस्तर संभाग बंद का आह्वान किया है।
संगठन के डिविज़नल प्रेसिडेंट प्रकाश ठाकुर का कहना है कि जीवन ठाकुर की मौत पर शक पैदा होता है। उनका आरोप है कि ठाकुर की जेल में एक राजनीतिक साज़िश के तहत हत्या की गई। उनके परिवार से मिली जानकारी के अनुसार, जीवन ठाकुर के खिलाफ़ एक FIR दर्ज की गई थी जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनका वन अधिकार सर्टिफिकेट नकली था, जो बहुत संदिग्ध लगता है।
समुदाय ने यह भी सवाल उठाया कि अगर ज़मीन का पट्टा अवैध था, तो उसे रद्द करने के लिए सही प्रक्रिया क्यों नहीं अपनाई गई? सीधे FIR कैसे दर्ज की गई? क्या FIR दर्ज करने वाले अधिकारी को वन अधिकार अधिनियम की जानकारी थी? समुदाय ने पूरे मामले की गहन जांच की मांग की है। इसके अलावा, समुदाय ने इस बात पर भी आपत्ति जताई कि इस मामले में दूसरे आरोपियों को ज़मानत मिल गई, लेकिन बीमार होने के बावजूद जीवन ठाकुर को ज़मानत नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि इसकी भी जांच होनी चाहिए।
CG News: एक और बड़ा सवाल यह है कि जीवन ठाकुर को उनके परिवार को बताए बिना चरमा से रायपुर जेल कैसे और किसके आदेश पर शिफ्ट किया गया? उन्हें 2 दिसंबर को रायपुर जेल भेजा गया और 4 दिसंबर की सुबह मेकाहारा हॉस्पिटल ले जाया गया, जहाँ उनकी मौत हो गई। समुदाय का कहना है कि यह पूरी घटना संदिग्ध है और कई सवालों के जवाब अभी भी नहीं मिले हैं।
Updated on:
07 Dec 2025 02:46 pm
Published on:
07 Dec 2025 09:50 am
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