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CG News: पासपोर्ट के लिए बस्तर का संघर्ष जारी, दावेदारों को अब भी लगाना पड़ रहा रायपुर का चक्कर

CG News: केंद्र की शुरुआत के वक्त कहा गया था कि अब बस्तर के लोगों को रायपुर नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन यहां की मौजूदा व्यवस्था ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।

पासपोर्ट के लिए बस्तर का संघर्ष जारी (Photo source- Patrika)
पासपोर्ट के लिए बस्तर का संघर्ष जारी (Photo source- Patrika)

CG News: देश ने भले ही हेनले पासपोर्ट इंडेक्स 2025 में आठ पायदान की छलांग लगाकर वैश्विक स्तर पर अपनी स्थिति बेहतर बना ली हो, लेकिन बस्तर में पासपोर्ट सुविधा अब भी बीते दौर में अटकी हुई है। स्थानीय स्तर पर खोला गया पासपोर्ट कार्यालय अब केवल एक औपचारिकता बनकर रह गया है। यहां आप तभी जाएं जब आपके पास सारे दस्तावेज हों, उनमें कोई त्रुटि ना हो।

CG News: पासपोर्ट के लिए बस्तर का संघर्ष अब भी जारी

अगर थोड़ी भी त्रुटि होगी तो रायपुर स्थित पासपोर्ट रीजनल कार्यालय जाना होगा और फिर आगे काम वहीं से होगा। बस्तर में जिस उद्देश्य से कार्यालय की शुरुआत की गई थी वह उद्देश्य पूरा नहीं हो रहा है। बस्तर के लोगों को अब भी पासपोर्ट के लिए रायपुर की दौड़ लगानी पड़ रही है। बस्तर के लोग 400 से 500 किमी तक का सफर कर रायपुर जा रहे हैं। पासपोर्ट के लिए बस्तर का संघर्ष अब भी जारी है।

दरअसल स्थानीय पासपोर्ट सेवा केंद्र के पास अधिकार बेहद सीमित हैं। यहां कोई बड़ा अधिकारी नहीं बैठता जो पासपोर्ट प्रकरण पर निर्णय ले पाए इसलिए यहां के लोगों को रायपुर स्थित उच्च कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। इस तरह देखें तो बस्तर का यह सुविधा केंद्र अब सिर्फ असुविधा केंद्र बनकर रह गया है।

हर दिन 10-12 पासपोर्ट बनाने का दावा

शहर के टूर एंड ट्रैवल ऑपरेटर शैलेष अग्रवाल ने बताया कि स्थानीय कार्यालय के पास अधिकार सीमित है और यहां पर डॉक्यूमेंट पूरी तरह से सही होने पर ही काम हो रहा है। ऐसे में बस्तर के ऐसे लोग जिन्हें अर्जेंट में पासपोर्ट चाहिए वे सीधे रायपुर जाकर ही पासपोर्ट बनवा रहे हैं। पहले की तरह ही लोग अब भी रायपुर जाना पसंद कर रहे हैं क्योंकि वहां काम ज्यादा तेजी से हो रहा है। यहां पर एक पासपोर्ट के बनने में तीन से चार महीने का वक्त लग रहा है।

कलेक्ट्रेट में पिछले साल सितंबर में पासपोर्ट सेवा केंद्र की शुरुआत हुई थी, तब से अब तक यहां से गिनती के पासपोर्ट बने हैं। हालांकि स्थानीय कार्यालय का दावा है कि हम हर दिन १० से १२ पासपोर्ट बना रहे हैं। अगर यह दावा सही होता तो लोगों को रायपुर जाने की जरूरत नहीं पड़ती। केंद्र की शुरुआत के वक्त कहा गया था कि अब बस्तर के लोगों को रायपुर नहीं जाना पड़ेगा, लेकिन यहां की मौजूदा व्यवस्था ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।

CG News: हमारा पासपोर्ट हुआ मजबूत पर बस्तर अब भी मजबूर

जहां एक ओर देश अंतरराष्ट्रीय मंच पर पासपोर्ट की ताकत बढ़ाने में सफल हो रहा है, वहीं बस्तर जैसे क्षेत्र में पासपोर्ट की बुनियादी सुविधा भी पूरी तरह नहीं मिल रही। देश की पासपोर्ट रैंकिंग 85 से 77 पर पहुंच चुकी है। वर्तमान में भारत का पासपोर्ट विश्व के 59 देशों में वीजा फ्री या वीजा ऑन अराइवल की कैटेगिरी में है, लेकिन बस्तर के लोग अब भी पासपोर्ट के मामले में मजबूर नजर आ रहे हैं।