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जगदलपुर में जमीन के नए रेट जारी, गाइडलाइन दरों में 100% तक बढ़ोतरी, आम लोगों पर बड़ा बोझ

Land Rate Hike: जगदलपुर शहर और जिले में जमीनों की नई गाइडलाइन दर जारी की गई है, जिसमें 70 से 100 प्रतिशत तक की भारी बढ़ोतरी देखी गई।

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जगदलपुर में जमीन के नए रेट जारी (photo source- Patrika)

जगदलपुर में जमीन के नए रेट जारी (photo source- Patrika)

Land Rate Hike: शहर के साथ ही जिले में जमीनों के लिए नई गाइड लाइन दर जारी हो चुकी है। नए रेट ने सबको चौंका दिया है। सात साल बाद हुई बढ़ोतरी के बाद जमीनों की सरकारी दर 100 प्रतिशत तक बढ़ गई है। कुछ ही इलाके हैं जहां 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी दिख रही है। ज्यादातर इलाकों में 70 से 100 फीसदी की बढ़ोतरी ने रियल एस्टेट कारोबार में महासंकट ला दिया।

Land Rate Hike: सरकार के राजस्व में होगा इजाफा

जमीन के कारोबार से जुड़े लोग रजिस्ट्री के स्टांप वेंडर कह रहे हैं कि यह दौर उन्हें बर्बादी की कगार पर ले जाए। सरकार से लगातार गाइड लाइन रेट पर विचार की मांग हो रही है। लगातार प्रदेशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं। पत्रिका ने जगदलपुर शहर में गाइड लाइन रेट की पड़ताल की तो पता चला कि अब जमीनी की खरीदी शहर में आसान नहीं होगी। आम लोग जो जमीनी की खरीदी का सपना देख रहे थे उन्हें तगड़ा झटका लगा है।

नए रेट आने के बाद से वे हैरान और परेशान हैं। इससे सरकार के राजस्व में इजाफा होगा, लेकिन यह पैसा आम जनता की जेब से जाएगा। नई गाइड लाइन के मुताबिक जगदलपुर शहर में प्रापर्टी की सबसे कम कीमत वीर सावरकर वार्ड और भगत सिंह वार्ड के मय मार्ग की करीब 10 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर है।

जेब पर पड़ेगा असर

अब विक्रय के समय भूमि मूल्य और निर्माण मूल्य दोनों जोडक़र बाजार मूल्य तय होगा। हॉस्पिटल, स्कूल, होटल, रेस्टोरेंट आदि गैर-आवासीय संपत्ति मानी जाएंगी।

असमानता दूर करने की कवायद

Land Rate Hike: नरेन्द्र सिंह नाग, उप पंजीयक, अधिकारी: बाजार व सरकारी दरों में असमानता दूर करने के लिए यह बदलाव किया गया है। पिछले कई वर्षों से बाजार की कीमत व सरकारी गाइडलाइन दरों में कीमतों में असमानता थी। इसके साथ ही प्रति वर्गमीटर व हेक्टेयर दरों में भी कीमतों को व्यावहारिक बनाया गया है।

शहर में प्रापर्टी की नई और पुरानी कीमत

सदर स्कूल होते हुए एमएलबी कुशल फर्नीचर तक और चांदनी चौक से जीत स्टेशनरी- पहले: 52700- अब 80000

चांदनी चौक, शहीद पार्क से होते हुए एसपी कार्यालय तक - पहले 33100- अब 60000

चांदनी चौक से कमिश्नर कार्यालय और सूरी सेल्स - पहले 33100- अब 40000

पुतुल झा के मकान से मोनालॉज चांदनी चौक तक - पहले 52700- अब 55000

माता संतोषी वार्ड में मुख्य मार्ग की कीमत पहले 15400- अब 25000

गीदम रोड नारायण गोयल के मकान से फारेस्ट नाका और अविनाश अतुल्य तक पहले 23400- अब 40000

गुरुगोविंद सिंह चौक से प्रताप नारायण कॉपलेक्स तक पहले 34000- अब 40000

गुरुगोविंद सिंह चौक से गुरुनानक चौक होते हुए हनुमान मंदिर तक पहले 65200- अब -60000

नाराजगी ऐसी कि दुर्ग में घेर लिए गए किरण देव

सात साल में बढ़ी गाइड लाइन दर को लेकर जमीन कारोबारियों और स्टांप वेंटरों में आक्रोश और गुस्सा लगातार बढ़ता जा रहा है। प्रदेशभर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। दो दिन पहले पहले जगदलपुर के विधायक और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव दुर्ग एक कार्यक्रम में पहुंचे तो वहां उनके काफिले को जमीन कारोबारियों ने घेर लिया। उन्हें आगे बढ़ने से रोका गया।

देव इस दौरान कार में ही बैठे रहे और कार्यकर्ता कारोबारियों से भिड़ते देखे गए। अब इस पूरे वाकये का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। नए रेट ने सरकार के सामने एक बड़े वर्ग का गुस्सा खड़ा कर दिया है। जमीन बेचने और खरीदने वाले सभी अब सरकार से बेहद नाराज नजर आ रहे हैं।

मुख्य सड़क से जुड़ी जमीन

Land Rate Hike: शहरी क्षेत्र में मुख्य मार्ग से 20 मीटर दूरी तक की जमीन को सड़क से लगी मानी जाएगी और उसी दर से मूल्य तय होगा। वहीं, ग्रामीण क्षेत्र के लिए मुख्य मार्ग से 50 मीटर दूरी तक की भूमि सड़क से लगी मानी जाएगी। मुख्य सड़क राष्ट्रीय, राज्य राजमार्ग, मुख्य जिला मार्ग, पीएम ग्राम सड़क, लोक निर्माण विभाग की सड़क या 18 मीटर से चौड़ी सड़के मानी जाएंगी। वहीं मुख्य मार्ग से अंदर स्थित व्यवसायिक या औद्योगिक संपत्ति पर 25 प्रतिशत मूल्य वृद्धि लागू होगी। उद्योग, फैक्ट्री, पेट्रोल पंप आदि का मूल्यांकन वैल्यूअर की रिपोर्ट या बिक्री मूल्य में से जो अधिक हो, उसके आधार पर किया जाएगा।

मेन रोड में कीमत 80 हजार रुपए स्क्वायर फीट

शहर में सबसे अधिक कीमत स्टेट बैंक चौक से मेन रोड होते हुए गोल बाजार और गुरु नानक चौक तक 80 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर हो चुकी है। किसी क्षेत्र में गाइडलाइन दर 1000 वर्गफीट होने पर 1000 वर्गफीट जमीन की रजिस्ट्री में 1.05 लाख रुपए का टैक्स लगता था। दर पांच गुना बढ़ने से अब 5.25 लाख रुपए का टैक्स लगेगा। जमीन खरीदनी मुश्किल होगी।