CG News: स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा है कि बस्तर संभाग के दूरस्थ सड़कविहीन व दुर्गम इलाकों में निवासरत आदिवासी ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने अब सरकारी बाइक एम्बुलेंस की सुविधा शुरू की जाएगी। उन्होंने दो तीन माह में इस योजना के शुरू होने की बात कहीं हैं।
2014 में नारायणपुर जिले के धौडाई से यूनिसेफ़ ने बस्तर में बाइक एम्बुलेंस सेवा प्रारम्भ करवाई थी। बाइक एम्बुलेंस के माध्यम गर्भवती सहित अन्य गंभीर पीड़ितों को उनके गृहग्राम से लाकर धौडाई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भर्ती किया जाता था। इससे मरीजों को समय पर उचित इलाज मिल जाता था। इससे मोटर बाइक एम्बुलेंस की मदद से गर्भवती को अस्पताल में लाकर संस्थागत प्रसव भी कराया जाता था।
मोटर बाइक एम्बुलेंस के संचालन से ग्रामीणों को मिल रही सुविधाओं के ध्यान में रखकर लंदन की पॉल हेमलिंग फाउंडेशन ने साथी संस्था को ओरछा एव कन्हारगांव में मोटर बाइक एम्बुलेंस संचालन के लिए राशि उपलब्ध कराई है।
मोटर बाइक एम्बुलेंस की सफलता को देखकर सामाजिक संस्था ने अंदरूनी इलाकों में बाइक एम्बुलेंस के संचालन को लेकर प्रोजेक्ट तैयार किया था। इस प्रोजेक्ट को नारायणपुर और बीजापुर जिलों में भी शुरू किया गया। वर्ष 2020 में नारायणपुर जिले के अंदरूनी इलाके में भी इसका संचालन शुरू किया गया। 2022 के बाद निजी संस्था को राशि देना बंद कर दिया। इसके बाद संस्था ने भी मोटर बाइक एम्बुलेंस संचालन को बंद कर दिया।
बाइक एम्बुलेंस खासतौर पर उन इलाकों के लिए डिजाइन की जाती है, जहां पर सड़कें नहीं हैं और पगडंडी नुमा कच्चे रास्ते हैं। इसके तहत बाइक में दो या चार पहियों वाली छोटीा एम्बुलेंस अटैच की जाती है। इसके साथ एक चालक और एक पैरा मेडिकल स्टाफ भी रहता है। इसमें छोटा ऑक्सीजन सिलेंडर, मेडिकल किट, फ्लैश लाइट और मरीज के बैठने और लेटने की भी व्यवस्था रहती हैं ।
Updated on:
07 Aug 2025 09:21 am
Published on:
07 Aug 2025 09:20 am