RGHS News: राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम (RGHS) के सुचारू संचालन के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। योजना में अस्पताल, फार्मेसी स्टोर एवं कार्मिकों की ओर से की गई अनियमितताओं के खिलाफ सरकार ने सख्त एक्शन लिया है। इसी कड़ी में 3 फार्मेसी स्टोर एवं एक अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
साथ ही चिकित्सा विभाग ने 5 विभागों के 473 कार्मिकों, 8 एलौपैथिक डॉक्टर व 2 आयुर्वेदिक चिकित्सकों के खिलाफ एक्शन लेने के लिए पत्र लिखा गया है। वहीं, 2 चिकित्सकों सहित 12 कार्मिकों को योजना में विभिन्न अनियमितताओं पर निलंबित किया गया है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि विगत काफी समय से राजस्थान गवर्नमेंट हैल्थ स्कीम में विभिन्न हितधारकों द्वारा विभिन्न स्तरों पर अनियमितता करने की शिकायतें सामने आ रही थीं। इनकी शिकायतों की गहनता के साथ जांच की गई। वित्त विभाग की ओर से आडिट में सामने आए तथ्यों के आधार पर चूरू के शिवम ड्रग स्टोर, सीकर के गुरू कृपा अस्पताल व न्यू इंडिया मेडिकल स्टोर तथा नागौर में नागौर कॉपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी लिमिटेड मूण्डवा की दुकान संख्या-3 के संचालकों एवं अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है।
वहीं, राजस्थान स्टेट हैल्थ एश्यारेंस एजेंसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हरजी लाल अटल ने बताया कि कार्रवाई के क्रम में आरजीएचएस में अनियमितता पर प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, गृह विभाग, जयपुर विद्युत वितरण निगम एवं आयुर्वेद विभाग को उनके 473 कार्मिकों के खिलाफ एक्शन लेने एवं नियमानुसार कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा है। इन कार्मिकों के खिलाफ दवाओं की जगह फार्मेसी स्टोर से अन्य सामान लेने, पंचकर्म शिरोधारा आदि का अनावश्यक उपयोग करने, मेडिकल स्टोर से मिलीभगत कर फर्जी दवा पर्चा बनाने की शिकायतें उजागर हुई हैं।
इसी प्रकार वाणिज्यिक कर विभाग, शिक्षा विभाग, आयुर्वेद विभाग, जल संसाधन विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा पुलिस विभाग के 12 कार्मिकों को निलंबित किया गया है। इन कार्मिकों ने पत्नी के नाम पर किराएदार, शादीशुदा पुत्री, स्वयं की जगह अपने भाई, बहन या पुत्री तथा बच्चे के नाम पर उसके मित्र का उपचार कराने की शिकायतें सामने आई हैं। जिन दो आयुर्वेदिक चिकित्सको के खिलाफ कार्रवाई हेतु लिखा गया है, वे बिना जांच के ही दवाएं लिख रहे थे। इसी प्रकार जिन 8 एलोपैथिक चिकित्सकों पर कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा गया है, वे अनावश्यक दवाएं लिखने के साथ ही फर्जी प्रिसक्रिप्शन बना रहे थे।
संदिग्ध डॉक्टरों, फार्मेसियों और अस्पतालों की पहचान कर कड़ी निगरानी की जा रही है। फर्जी पर्ची या बिल पाए जाने पर संबंधित लाभार्थी की सदस्यता का निरस्तीकरण भी किया जा रहा है। तकनीकी माध्यम से ई-प्री स्क्रिप्शन और ई—बिलिंग, रियल टाइम मॉनिटरिंग जैसे कदम उठाए गए हैं।
Updated on:
16 Aug 2025 10:11 pm
Published on:
16 Aug 2025 10:08 pm