
बारिश का अलर्ट (फोटो-पत्रिका)
भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने राजस्थान में अगले 4 दिन यानी 4 से 7 अक्टूबर तक के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान राज्य के कई जिलों में तेज बारिश, बिजली गिरने और 30-40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार यह बदलाव एक नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण होगा जिसका असर पश्चिमी और उत्तरी राजस्थान पर अधिक दिखाई देगा।
4 अक्टूबर को अजमेर, बांसवाड़ा, बारां, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, झालावाड़, प्रतापगढ़, राजसमंद, उदयपुर, सिरोही, टोंक, सवाई माधोपुर, सीकर, जोधपुर, नागौर, पाली, जालोर, बाड़मेर और जैसलमेर जिलों में मेघगर्जन और वज्रपात का येलो अलर्ट जारी किया गया है। इन जिलों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज होने की संभावना है।
5 अक्टूबर को नए पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से बारिश की तीव्रता बढ़ जाएगी। इस दिन बांसवाड़ा, बारां, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, धौलपुर, करौली, प्रतापगढ़, उदयपुर, सिरोही, भरतपुर, डूंगरपुर, झालावाड़, जोधपुर, पाली, जालोर और बाड़मेर जिलों में तेज मेघगर्जन, बिजली गिरने और आंधी-पानी की संभावना है। विभाग ने कहा कि इस दौरान कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकती है।
6 अक्टूबर को इस तंत्र का सबसे ज्यादा असर दिखाई देगा। अजमेर, अलवर, जयपुर, भरतपुर, बांसवाड़ा, बारां, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, झालावाड़, करौली, प्रतापगढ़, राजसमंद, उदयपुर, सिरोही, टोंक, सवाई माधोपुर, झुंझुनूं, सीकर, नागौर, पाली, जोधपुर, जालोर, बाड़मेर, जैसलमेर और खैरथल-डीडवाना सहित कई जिलों में झोंकदार हवाओं (30-40 Kmph), गरज-चमक और भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। इस दौरान बीकानेर संभाग और शेखावाटी क्षेत्र में भारी बारिश की प्रबल संभावना जताई गई है।
7 अक्टूबर को भी मौसम विभाग ने चेतावनी दी है। जयपुर, भरतपुर, कोटा, उदयपुर, अजमेर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, टोंक, बूंदी, झालावाड़, बारां और प्रतापगढ़ जिलों में मेघगर्जन, आकाशीय बिजली और मध्यम बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि इस दिन बारिश की तीव्रता थोड़ी कम होगी लेकिन किसानों और आम लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मौसम विभाग के अनुसार 8 अक्टूबर से राज्यभर में मौसम शुष्क हो जाएगा और अगले एक सप्ताह तक बारिश की संभावना नहीं रहेगी।
खरीफ की पकी हुई फसलों को खुले में न रखें, सुरक्षित स्थान पर भंडारण करें।
मंडियों में खुले में रखे अनाज और जींस को ढकने या शिफ्ट करने की व्यवस्था करें।
रबी की बुवाई का कार्य बारिश थमने के बाद ही शुरू करें।
Published on:
03 Oct 2025 06:25 pm
बड़ी खबरें
View Allजयपुर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग

