
दिवाली से पहले जयपुर के बाहरी क्षेत्रों में बढ़ा प्रदूषण। फोटो: पत्रिका
जयपुर। सर्दी की शुरुआत और पटाखों के धुएं से होने वाला प्रदूषण दिवाली के एक दिन पहले ही शुरू हो गया है। रविवार को छोटी दिवाली के दिन ही जयपुर सहित प्रदेश के अधिकांश शहरों की हवा जहरीली हो गई और एक्यूआइ लेवल अपने तय मानक से कई गुना बढ़ गया। दिवाली के बाद पटाखों के धुएं से इसके और बढ़ने की आशंका है।
वहीं नई दिल्ली के साथ प्रदेश के एनसीआर क्षेत्र के पांच जिलों में भी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान यानी ग्रैप-2 की पाबंदियां लागू हो गई हैं। डीग, भरतपुर, अलवर, कोटपूतली-बहरोड व खैरथल-तिजारा में ये पाबंदिया लागू रहेंगी। हालांकि ग्रैप-2 की पाबंदियां एनसीआर क्षेत्र के लिए ही लागू होने से अन्य जगह कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। उधर, भिवाड़ी के अलावा बीकानेर, धौलपुर, हनुमानगढ़ का औसत एक्यूआइ भी 200 को पार कर गया।
जयपुर में वायु प्रदूषण का स्तर रविवार को बिगड़कर मध्यम से खराब श्रेणी में पहुंच गया। शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 200 को पार कर गया है। शहर में मानसरोवर क्षेत्र में हवा सबसे अधिक खराब हो गई है, यहां का एक्यूआइ 222 रहा। पीएम 2.5 और पीएम-10 माइक्रोन आकार के धूल के कणों के स्तर तो गंभीर श्रेणी में पहुंच गया, ऐसे में हवा स्वस्थ लोगों के सांस लेने के लिए बेहद खराब मानी जाती है।
मानसरोवर क्षेत्र में पीएम 2.5 और पीएम-10 माइक्रोन आकार के धूल के कणों के स्तर 357 से 399 तक पहुंच गए, जो गंभीर श्रेणी के माने जाते हैं। वहीं शास्त्री नगर और आदर्श नगर क्षेत्र में भी पीएम 2.5 और पीएम-10 माइक्रोन आकार के धूल के कणों का स्तर 300 को पार कर गया है। शहर में करीब एक सप्ताह से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है। गत 9 व 10 अक्टूबर को दो दिन औसत एक्यूआइ ही खराब श्रेणी में भी पहुंच गया था।
| जगह | AQI | पीएम 2.5 | पीएम-10 |
|---|---|---|---|
| मानसरोवर | 222 | 357 | 399 |
| आदर्श नगर | 130 | 315 | 202 |
| मुरलीपुरा | 100 | 215 | 240 |
| शास्त्री नगर | 144 | 336 | 255 |
| पुलिस कमिश्नरेट | 106 | 285 | 169 |
भिवाड़ी : 256
बीकानेर : 252
धौलपुर : 234
हनुमानगढ़ : 221
-डीजल जनरेटर चलाने पर रोक रहेगी।
-प्राइवेट गाड़ियों के इस्तेमाल को कम करने और पार्किंग फीस को बढ़ाया जाएगा।
-नगर निकाय एंटी स्मॉग गन से पानी का छिडकाव को पुख्ता करेंगे। रोड स्वीपिंग को अनिवार्य किया जाएगा। कचरे को प्रोपर डंपिंग साइड पर पहुंचाया जाएगा। इन शहरों में कहीं भी कचरा डिपो नजर नहीं आएंगे, जिससे आगजनी की घटना नहीं हो सके।
-इंडस्ट्रीज को मानकों के अनुसार ही प्रदूषण छोड़ने के लिए पाबंद किया जाएगा।
ग्रैप-2 की पाबंदियां एनसीआर क्षेत्र में लागू होती है। दिल्ली के साथ प्रदेश के 5 जिलों में भी ये पाबंदिया लागू होगी।
-डॉ. रवि कुमार सुरपुर, चेयरमैन, राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल
Published on:
20 Oct 2025 07:41 am
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