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एसएमएस में अधूरा आयुष्मान टावर, समय सीमा से पीछे प्रोजेक्ट, धीमी रफ्तार पर मंत्री गजेंद्र सिंह आज करेंगे समीक्षा

राजधानी में बनने जा रही सबसे ऊंची मेडिकल इमारत आयुष्मान टावर के निर्माण कार्य में देरी हो रही है।

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जयपुर। राजधानी में बनने जा रही सबसे ऊंची मेडिकल इमारत आयुष्मान टावर के निर्माण कार्य में देरी हो रही है। साल 2022 गहलोत सरकार के समय शुरू हुए निर्माण कार्य को साल 2024 में पूरा होना था। लेकिन टावर अब तक निर्माणाधीन है। यानी की अभी पूरी तरह से टावर निर्माण में समय लगेगा। जिसे लेकर आज चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह ने अधिकारियों की बैठक बुलाई है। आज बैठक एसएमएस मेडिकल कॉलेज परिसर में होगी। जिसमें चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरिश कुमार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. दीपक माहेश्वरी और जेडीए अधिकारी मौजूद रहेंगे। बैठक में प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति, अब तक के कार्य और आगे की रणनीति पर विस्तार से चर्चा होगी।

गौरतलब है कि कुछ समय पहले चिकित्सा विभाग ने दावा किया था कि इस टावर का पहला फेज अगस्त 2025 तक शुरू कर दिया जाएगा। हालांकि निर्माण कार्य में लगातार आ रही बाधाओं और देरी के चलते तय समय पर इसे शुरू कर पाना मुश्किल माना जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार टावर का निर्माण कार्य बीच में कुछ दिन के लिए बंद भी रहा था, लेकिन अब इसे दोबारा शुरू कर दिया गया है।

यह 24 मंजिला टावर आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित होगा। हॉस्पिटल के तौर पर यह देश की सबसे बड़ी बिल्डिंग तैयार की जा रही है। इसमें अत्याधुनिक उपकरण, सुपर स्पेशियलिटी सुविधाएं और मरीजों के लिए उच्च स्तरीय उपचार सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। टॉवर पर मरीजों के लिए हैलीपेड

प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा सरकार ने इस टावर का नाम बदलकर आयुष्मान टावर रखा था। सरकार का मानना है कि यह टावर न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में चिकित्सा सुविधाओं का एक नया मॉडल पेश करेगा। आज होने वाली बैठक में मंत्री और अधिकारी प्रोजेक्ट की प्रगति की बारीकी से समीक्षा करेंगे और भविष्य की समय सीमा तय करेंगे।