
सीएम भजनलाल शर्मा। फोटो: पत्रिका
जयपुर। दिवाली से ठीक पहले राज्य सरकार ने बोर्ड, निगम, राजकीय उपक्रम, स्वायत्तशासी संस्थाओं व विश्वविद्यालयों में कार्यरत व सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन में लागू पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) से कदम पीछे खींचने का निर्णय किया। राज्य सरकार ने इन संस्थाओं में ओपीएस की जगह फिर नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस), सीपीएफ व ईपीएफ व्यवस्था लागू करने का रास्ता खोल दिया।
वित्त विभाग ने आदेश में कहा है कि जो बोर्ड, निगम, विश्वविद्यालय, राजकीय उपक्रम सहित स्वायत्तशासी संस्थाएं कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण पेंशन दायित्व निभाने में सक्षम नहीं हैं, वे "जीपीएफ लिंक्ड पेंशन स्कीम" (ओपीएस) लागू नहीं करने का निर्णय लेकर पीडी खाते में जमा राशि कर्मचारियों को ब्याज सहित लौटा दें।
पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने 20 अप्रेल 2023 को जारी अधिसूचना के तहत “जीपीएफ लिंक्ड पेंशन स्कीम” लागू करने का निर्णय लिया। वित्त विभाग ने 6 जून 2025 को ओपीएस की स्वीकृति और कर्मचारियों से विकल्प लेने के बावजूद इसे लागू नहीं करने वाले बोर्ड, निगमों व स्वायत्तशासी संस्थाओं के संबध मेे आदेश जारी किया था कि जहां ओपीएस लागू करने का निर्णय हो चुका, वहां पैसा नहीं लौटाया जाए।
वित्त विभाग ने अब इसी आदेश की निरंतरता में नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसमें कहा है कि यदि किसी संस्था की वित्तीय स्थिति कमजोर है और उसके पास पर्याप्त पेंशन निधि नहीं है तो वह ओपीएस लागू नहीं करने का निर्णय ले सकती है।
आदेश में कहा कि ओपीएस लागू नहीं करने का निर्णय किए जाने पर संबंधित संस्था कर्मचारियों या पेंशनरों से लिए गए नियोक्ता अंशदान की पूरी राशि पीडी खाते में अर्जित ब्याज सहित संबंधित कर्मचारी या पेंशनर को लौटाए। वित्त विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि “जीपीएफ लिंक्ड पेंशन स्कीम” लागू नहीं किए जाने पर पूर्व में चल रही पेंशन योजना जैसे सीपीएफ, ईपीएफ या एनपीएस को पुनः लागू करना होगा।
आदेश में प्रावधान है कि कटौती पुनः प्रारंभ करने या राशि जमा कराने में विलंब या पेनल्टी लगने पर भार कर्मचारी पर नहीं डाला जाएगा। यह राशि संबंधित संस्था द्वारा ही वहन की जाएगी।
राजस्थान सहित कई राज्यों में ओपीएस लागू होने के बाद केन्द्र सरकार ने एनपीएस की कमियां दूर करने के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) लागू की। इसमें कर्मचारियों को ओपीएस जैसे ही कुछ प्रावधानों का लाभदेने की व्यवस्था है।
राज्य कर्मचारियों के लिए ओमीएस लागू किए जाने के बाद पीएफआरडीए में जमा एनपीएस की राशि लौटाने को लेकर राज्य व केन्द्र सरकार के बीच लंबा विवाद चला। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और कई अर्थशास्त्रियों ने ओपीएस लागू किए जाने पर सवाल उठाए।
राज्य में जिन संस्थानों में ओपीएस का लाभ देना शुरू कर दिया गया है. वहां इसे जारी रखने को लेकर विधानसभा में सरकार जवाब देने से बचती आ रही है। ओपीएस की वापसी पर सरकार की ओर से गोलमोल जवाब ही आ रहा है।
वित्त विभाग का आदेश बोर्ड, निगम, विश्वविद्यालय व राजकीय उपक्रम सहित स्वायत्तशासी संस्थाओं आदि पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर 20 अप्रेल 2023 से पूर्व की एनपीएस, सीपीएफ वाली पेंशन शुरू करने की शुरुआत है। महासंघ इसकी कड़ी निंदा कर मांग करता है कि आदेश को तत्काल निरस्त किया जाए एवं जिन संस्थाओं की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ नहीं है उनको कर्मचारी हित में आर्थिक सहायता प्रदान कर ओपीएस लागू रखी जाए।
-गजेन्द्र सिंह राठौड़, प्रदेशाध्यक्ष अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत)
Updated on:
10 Oct 2025 11:08 am
Published on:
10 Oct 2025 07:37 am
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