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भरतपुर सांसद के सिर में आई चोट… बेहोश, दिल्ली में SIR के विरोध प्रदर्शन में हुईं घायल; बोलीं- ‘अभी मैं ठीक हूं’

दिल्ली में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के खिलाफ विपक्षी दलों के प्रदर्शन में भरतपुर सांसद घायल हो गईं।

sanjana jatav
Photo- Patrika Network

दिल्ली में सोमवार को स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के खिलाफ विपक्षी दलों के प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शन के दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया, जिसमें पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई। जिसमें भरतपुर से कांग्रेस सांसद संजना जाटव को सिर में गहरी चोट लगी और वे बेहोश हो गईं। जिसके बाद उन्हें राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल ले जाया गया।

प्रर्दशन के दौरान सांसद हुई बेहोश

हालांकि बाद में सांसद ने खुद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट कर बताया कि 'अभी मैं ठीक हूं, डॉक्टर ने आराम करने की सलाह दी है, लेकिन मेरा मन और हौसला पहले से भी मजबूत है।'

उन्होंने आगे लिखा कि 'वोट चोरी के खिलाफ INDIA गठबंधन के प्रदर्शन के दौरान हुई धक्कामुक्की में मैं बेहोश हो गई थी। राहुल गांधी के नेतृत्व में हम सब मिलकर इस तानाशाही के खिलाफ खड़े हैं।'

विपक्ष ने संसद के पास निकाला मार्च

विपक्षी गठबंधन ने SIR को लेकर संसद के पास मार्च निकाला। आरोप है कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग किया। कांग्रेस नेताओं ने इसे पुलिस की बर्बरता करार दिया और सरकार पर हमला बोला। पार्टी ने मांग की कि इस घटना की निष्पक्ष जांच हो। दूसरी ओर, बीजेपी ने आरोपों को खारिज करते हुए इसे राजनीतिक ड्रामा बताया।

क्या है SIR

जिसके तहत चुनाव आयोग के द्वारा मतदाता सूची को अपडेट करता है। किसी के निधन या किसी व्यक्ति की आयु 18 वर्ष पूरा होने पर मतदाता सूची में से नाम हटाया या फिर ऐड नहीं किया जाता है। ऐसी स्थिति में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन के जरिए मतदाता सूची से नाम हटाए या ऐड किए जाते हैं। कई लोग उस क्षेत्र से पलायन कर जाते है, जहां चुनाव हो रहे होते हैं। ऐसे में भी मतदाता का नाम SIR के जरिए सूची से हटाया जाता है।

SIR, एक राजनीतिक साजिश- विपक्ष

ऐसे में विपक्ष को SIR को लेकर विपक्ष का मानना है कि यह एक राजनीतिक साजिश है, जिससे लाखों लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं। कुछ समय पहले राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में वोटर लिस्ट और मतदान संबंधी आंकड़ों में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। विपक्ष की एक चिंता है कि लोगों से 11 तरीके के जो दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, बड़े पैमाने पर लोगों के पास वो उपलब्ध नहीं हैं।