
मुनेश गुर्जर (पत्रिका फाइल फोटो)
जयपुर। नगर निगम जयपुर हैरिटेज की निलम्बित महापौर मुनेष गुर्जर के खिलाफ पट्टे जारी करने में भ्रष्टाचार के आरोपों को न्यायिक जांच में सही पाया गया है। जांच रिपोर्ट स्थानीय निकाय विभाग को सौंप दी गई है। अब मुनेष गुर्जर की बर्खास्तगी व चुनाव लड़ने पर 6 साल के लिए पाबंदी की प्रक्रिया शुरू होगी। इस कार्रवाई पर पक्ष जानने के लिए स्थानीय निकाय विभाग की ओर से गुर्जर को जल्द ही नोटिस जारी किया जाएगा।
राज्य सरकार की ओर से मुनेष गुर्जर पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों की न्यायिक जांच कराई गई। यह जांच विधि विभाग में कार्यरत जिला न्यायाधीश कैडर के अधिकारी सुरेंद्र पुरोहित को सौंपी गई। हाईकोर्ट ने जुलाई में तीन माह में जांच पूरी करने का निर्देश दिया था। राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता विष्णु दयाल शर्मा ने बताया कि मुनेष गुर्जर पर अगस्त 2023 में उसके घर से भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को 41.85 लाख रुपए मिलने, पट्टे जारी करने में भेदभाव और पट्टे जारी करने के लिए पैसे लेने के आरोप थे, जिनको लेकर 12 गवाह पेश किए गए।
उधर, मुनेष गुर्जर की ओर से आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया गया। न्यायिक अधिकारी ने दोनों पक्ष सुनने के बाद मुनेष गुर्जर पर लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को सही माना। दो अन्य लोग भी पकडे गए उनके निवास से 41.85 लाख रुपए से अधिक राशि बरामद होने के साथ ही इस मामले में पकड़े गए अनिल दुबे एवं नारायण सिंह की निशानदेही पर 9 फाइल बरामद की गई।
बर्खास्तगी व 6 साल तक चुनाव लड़ने से अयोग्य करार देने के लिए स्थानीय निकाय विभाग मुनेष गुर्जर को नोटिस जारी करेगा, जवाब आने पर आगे की कार्रवाई होगी।
Published on:
15 Oct 2025 09:33 am
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