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Budget Review Meeting: विकसित राजस्थान @ 2047 की दिशा में तेज हुई रफ्तार, बजट प्रगति की सख्त समीक्षा

Green Rajasthan Program: समयबद्ध विकास पर मुख्य सचिव का जोर, योजनाओं में दिखे ठोस परिणाम, हरित राजस्थान से खनन नीति तक, प्रशासनिक समीक्षा में उभरी विकास की तस्वीर

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जयपुर

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Rajesh Dixit

Nov 25, 2025

Rajasthan New Chief Secretary V. Srinivas will be the priorities and challenges know

राजस्थान नए मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास। फोटो पत्रिका

Vision Rajasthan 2047: जयपुर। राज्य के दीर्घकालिक विकास लक्ष्य “विकसित राजस्थान @ 2047” को गति देने के उद्देश्य से मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने शासन सचिवालय में महत्वपूर्ण विभागों की व्यापक समीक्षा बैठक ली। बैठक में ऊर्जा, वन एवं पर्यावरण, खनिज एवं पेट्रोलियम तथा आयोजना विभागों द्वारा संचालित योजनाओं, बजट घोषणाओं और उनकी प्रगति की विस्तृत जानकारी ली गई। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया कि यह विजन राजस्थान के भविष्य का रोडमैप है और इसके लक्ष्यों की प्राप्ति केवल समयबद्ध और प्रभावी क्रियान्वयन से ही संभव है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक बजट घोषणा की वर्षवार निगरानी हो और निर्धारित समयसीमा में कार्य पूर्ण किए जाएं।

वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद कुमार ने बताया कि औद्योगिक अपशिष्ट और बायोमेडिकल वेस्ट के बेहतर निस्तारण के लिए विभाग निरंतर प्रयास कर रहा है। साथ ही हरित अरावली विकास कार्यक्रम के तहत 30 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पौधारोपण किया जा चुका है। फ्रांस और जापान के सहयोग से संचालित हरित राजस्थान कार्यक्रम भी पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में राज्य को नई दिशा दे रहा है।

खनिज एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख शासन सचिव टी. रविकान्त ने जानकारी दी कि खनन क्षेत्र से जुड़ी 27 बजट घोषणाओं में से 16 पूरी हो चुकी हैं जबकि 8 पर कार्य प्रगति पर है। शेष घोषणाओं पर भी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि खनन क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं, जिनका इष्टतम उपयोग राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।

ऊर्जा विभाग ने निःशुल्क बिजली योजना की स्थिति से अवगत कराया, वहीं प्रधान मुख्य वन संरक्षक पी.के. उपाध्याय ने रिवाइल्डिंग परियोजना की जानकारी देते हुए बताया कि अनाथ शावकों को जंगल में जीवित रहने का प्रशिक्षण देकर उन्हें पुनः प्राकृतिक आवास में छोड़ा जा रहा है, जिससे वन्यजीव संरक्षण को मजबूती मिल रही है।