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Rajasthan Winter Alert: रहें सावधान, इस बार पड़ेगी हाड़कंपाने वाली सर्दी, अक्टूबर में ही सर्द मौसम की आहट

राजस्थान में इस बार मानसून सीजन और उसके बाद हो रही बारिश के असर से इस साल प्रदेश में कड़ाके की सर्दी पड़ने वाली है। पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा कि इस साल दिसंबर से फरवरी माह के दौरान ला-नीना की वापसी होने पर राजस्थान समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ने की आशंका जताई है।

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राजस्थान में इस बार कड़ाके की सर्दी पड़ने का अलर्ट, पत्रिका फोटो

Rajasthan Weather Update: राजस्थान में इस बार मानसून सीजन और उसके बाद हो रही बारिश के असर से इस साल प्रदेश में कड़ाके की सर्दी पड़ने वाली है। मौसम विभाग के जलवायु मॉडल के आकलन कर पर्यावरण विशेषज्ञों ने कहा कि इस साल दिसंबर से फरवरी माह के दौरान ला-नीना की वापसी होने पर राजस्थान समेत पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की सर्दी पड़ने की आशंका जताई है। राजस्थान में इस बार मानसून और उसके बाद पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से हुई अतिरिक्त बारिश से हवा में नमी लगातार बढ़ रही है। राजस्थान में इस साल नवंबर- दिसंबर में कड़ाके की सर्दी और गलन का अहसास लोगों को होने वाला है। अक्टूबर में इस बार तेज बारिश के दौर से सर्दी अभी से तेवर दिखाने लगी है और माना जा रहा है ​कि दीपोत्सव पर्व दिवाली पर इस बार सर्द हवाएं चलने की भी संभावना है।

ला-नीना लाएगा कड़ाके की सर्दी

देश में इस साल मानसून में 108 फीसदी तक बारिश हुई। राजस्थान में इस बार मानसून विदाई के बाद भी मेघ बरस रहे हैं। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार राजस्थान में अभी परिस्थितियां सामान्य हैं हालांकि अक्टूबर में ही प्रदेश में दिन और रात के तापमान में हो रही गिरावट ने प्रदेशवासियों को गुलाबी सर्दी का अहसास करा दिया है। मौसम विभाग ने अक्टूबर-दिसंबर में ला-नीना विकसित होने की 50 प्रतिशत से अधिक संभावना जताई है।

लॉ नीना से इस कारण बढ़ती है सर्दी

ला नीना प्रशांत महासागर के भूमध्यरेखीय हिस्से में समुद्री सतह के तापमान के सामान्य से अधिक ठंडा होने की स्थिति है। प्रशांत महासागर का तापमान पहले ही सामान्य से ठंडा है। यदि यह -0.5 डिग्री से नीचे तीन माह तक बना रहता है, तो इसे ला-नीना घोषित किया जाता है। ला-नीना के कारण निचले स्तर की चक्रीय हवाएं उत्तरी अक्षांशों से ठंडी हवा भारत की ओर खींच लाएगी। जिससे पारा तेजी से नीचे गिर जाता है। इस पैटर्न का असर भारत समेत पूरी दुनिया के मौसम पड़ेगा। ला-नीना भारत में असामान्य ठंड, शीतलहर और भारी बर्फबारी का कारण बना है।

मैदानी इलाकों में हाड़कंपाने वाली सर्दी का दौर

मौसम विभाग ने ला-नीना के प्रभाव से हिमालयी क्षेत्र में ज्यादा बर्फबारी,मैदानी इलाकों में पारा माइनस से नीचे जाने की चेतावनी दी है। हिमालयी क्षेत्रों में सामान्य से अधिक बर्फबारी होने,हिमालय रेंज और ऊंचे इलाकों में कड़ाके की सर्दी रहने व रात में पारा माइनस 5 से माइनस 15 डिग्री या इससे भी नीचे जाने की आशंका जताई गई है। देश के उत्तर व उत्तर-पश्चिमी और मध्य भारत क्षेत्र के मैदानी इलाकों में न्यूनतम तापमान जमाव बिंदू से माइनस 5 डिग्री तक पहुंच सकता है। राजस्थान में इस बार शीतलहर का दौर लंबा चलने की भी आशंका है।

जयपुर में अक्टूबर में सर्दी के तीखे तेवर

जयपुर में अक्टूबर 2010 में शहर का न्यूनतम तापमान 12.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
जयपुर में वर्ष 2016 में 15.0 डिग्री, वर्ष 2016 में 15.0 डिग्री और वर्ष 2020 में 15.6 और 2021 में 15.2 डिग्री सेल्सियस न्यूतनम तापमान दर्ज हुआ।

बीते 24 घंटे में पारा सामान्य से कम दर्ज

जयपुर शहर में बीते 24 घंटे में दिन का तापमान सामान्य से 4 डिग्री सेल्सियस कम दर्ज हुआ। हालां​कि बीती रात शहर के न्यूनतम तापमान में आंशिक बढ़ोतरी हुई लेकिन हवा में सापेक्षित आर्द्रता 88 फीसदी रहने और रात का तापमान सामान्य रहने के कारण सर्द मौसम का अहसास लोगों को होने लगा है।

जयपुर में अक्टूबर में बीते 9 साल में मौसम का हाल

वर्षअधिकतम तापमान (°C)तिथिन्यूनतम तापमान (°C)तिथिवर्षा (मिमी)तिथिकुल वर्षा (मिमी)
202438.02.10.202420.716.10.2024------000.0
202336.609.10.202318.427.10.2023016.111.10.2023020.7
202236.311.10.202217.324.10.2022057.829.10.2022062.6
202137.010.10.202115.231.10.2021300.003.10.2021036.3
202037.07.10.202015.631.10.2020------000.0
201935.431.10.201917.727.10.2019008.602.10.2019008.6
201837.218.10.201816.727.10.2018004.824.10.2018004.8
201739.215.10.201717.831.10.2017------000.0
201638.624.10.201615.029.10.201613.206.10.2016013.2
201536.44.10.201512.629.10.201521.729.10.2015031.5
सर्वकालिक रिकॉर्ड40.04.10.189911.130.10.1934114.314.10.1924---